व्यापमं आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में सजा, CBI कोर्ट ने 5 दोषियों को सुनाई 7-7 साल जेल की सजा
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![व्यापमं आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में सजा, CBI कोर्ट ने 5 दोषियों को सुनाई 7-7 साल जेल की सजा Conviction in Vyapam constable recruitment exam scam, CBI court sentenced 5 convicts to 7-7 years in jail](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202306/vyapam-news-768x432.jpg?size=948:533)
MP News: मध्यप्रदेश में व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2013 में फर्जी तरीके से एग्जाम देने वाले 5 लोगों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. CBI के स्पेशल कोर्ट के जज नीति राज सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार को शुक्रवार को ये फैसला सुनाया. मामले की जांच STF और CBI ने की थी. कोर्ट ने इस केस में परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया और इनके स्थान पर एग्जाम देने वाले अमित आलोक, सतीश मौर्य को सजा सुनाई.
सीबीआई के वकील मनुजी उपाध्याय ने बताया कि व्यापमं ने मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2013 द्वितीय आयोजित की थी, जिसमें परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया ने अपने स्थान पर परीक्षा दिलाने के लिए अमित आलोक, सतीश मौर्य और अन्य को अपने स्थान पर एग्जाम दिलवाया था, मतलब ये सॉल्वर के रूप में परीक्षा दे रहे थे. सॉल्वर के परीक्षा देने के बाद रिजल्ट आया तो जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह वडेरिया ने आरक्षक भर्ती परीक्षा कर परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए.
सीबीआई ने दोनों साॅल्वरों को बनाया आरोपी
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सीबीआई द्वारा विवेचना के दौरान दोनों सॉल्वर अमित आलोक एवं सतीश कुमार मौर्य को आरोपी बनाया गया था. जांच के बाद तीनों अभ्यर्थी और दोनों सॉल्वर को कोर्ट ने दोषी पाया. तीनों अभ्यर्थियों के अनुपस्थित रहने पर दोनों सॉल्वर अमित आलोक एवं सतीश कुमार मौर्य को इम्प्रेशन, मूल्यवान प्रतिभूति के दस्तावेजों के एनक्रिप्शन, कूट रचित दस्तावेजों का बेईमानी से असली पेपर के रूप में लाया गया.
तीनों अभ्यर्थियों को फरार घोषित कर गिरफ्तारी वारंट जारी
असली पेपर के रूप में उपयोग में लाए जाने, छल और आपराधिक षड्यंत्र करने पर आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, एवं 471 सहपठित धारा 120 बी तथा मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर 7-7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अन्य तीनों आरोपी परीक्षार्थियों जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर एवं केशव सिंह बड़ेरिया के सजा सुनाने के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फरार घोषित करते हुए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
पिछले साल वन रक्षक भर्ती परीक्षा-12 के तीन दोषियों को हुई थी सजा
व्यापमं की वनरक्षक परीक्षा- 2012 में फर्जी तरीके से एग्जाम देने वाले 3 लोगों को 2022 में सीबीआई की विशेष अदालत ने 7-7 साल की सजा सुनाई थी. CBI की जज नीति राज सिंह सिसोदिया ने ये फैसला सुनाया था. मामले में विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने पैरवी की थी. मामले की जांच STF के ASP अरुण कश्यप और CBI इंस्पेक्टर अनुज कुमार ने किया था. कोर्ट ने इस केस में देवेंद्र कुमार जाटव पुत्र भूषण लाल, पदम सिंह खरे पुत्र मुरारी लाल और आनंद सागर पुत्र अर्जुन प्रसाद को सजा सुनाई थी.
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