रामनवमी दंगे के आरोपी का बनाया फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, वयस्क को दिखाया नाबालिग, कोर्ट ने ऐसे किया खुलासा
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Madhya Pradesh: खरगोन में 2022 को रामनवमी के दिन हुए सांप्रदायिक दंगे के आरोपी के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आरोपी का झूठा जन्मप्रमाम पत्र पेश कर उसे नाबालिग बताया गया था, इसका खुलासा न्यायालय के निर्देश के बाद की गई जांच में हुआ है. जांच में सामने आया कि एक ही प्रमाण पत्र के नंबर पर 3-3 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. ये ऐसा मामला है जिसमें न्यायालय ने परिवाद दायर किया है और सभी जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के निर्देश दिए हैं.
खरगोन शहर में 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी के दिन हुए सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इसम मामले में वयस्क आरोपी खसखसवाड़ी मोहल्ला निवासी मोहम्मद खान की सजा कम कराने के लिए उसे नाबालिग बताया जा रहा था. जब न्यायालय में आरोपी की उम्र सत्यापित करने के लिए दस्तावेज बुलाए गए तो आरोपी की मां नजमा खान ने नगरपालिका खरगोन द्वारा बनाया गया जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. अपर सत्र न्यायाधीश जीसी मिश्रा ने जन्म प्रमाण पत्र की पुष्टि के लिए नगरपालिका के अधिकारियों को तलब किया था. जन्म प्रमाण पत्र ही फर्जी निकला.
सभी अधिकारियों को बनाया आरोपी
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले को लेकर न्यायाधीश ने नगरपालिका कार्यालय रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु प्रकाश चित्ते, लिपिक अशोक गोरियाले, लोक सेवा केंद्र खरगोन तहसील कार्यालय के संचालक दिनेश यादव और न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने वाले मोहम्मद की मां नजमा खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 193, 196, 197, 198, 465, 466 और 471 में केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. एडीजे न्यायालय ने सीजेएम कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ परिवाद दायर किया है. साथ ही निरस्त किए गए अन्य फर्जी प्रमाण-पत्रों के मामले में पुलिस को पत्र सौंप विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं.
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रजिस्ट्रार ने झाड़ा पल्ला
अभ सभी आरोपी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) प्रकाश चित्ते का कहना है मुझे तो मालूम ही नहीं है कि किसका प्रमाणपत्र है. मेरे पास खसखस वाली निवासी नजमा खान आई. लोक सेवा केंद्र में उन्होंने आवेदन दिया था और तहसीलदार का आदेश लेकर यहां आई थी. उस आधार पर मैंने दर्ज कर प्रमाण पत्र जारी किया. इसमें मैंने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है. माननीय न्यायालय ने इस मामले में जल्दबाजी की है. मैं भी उच्च न्यायालय में जाकर अपील करूंगा.
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तहसीलदार ने गलत बताए आरोप
सरवन तहसीलदार योगेंद्र सिंह मौर्य का कहना है कि उनपर लगाए गए आरोप गलत है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो भी लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन आते हैं, उसके आधार पर जांच करके हम ऑनलाइन ही आदेश जारी करते हैं. जो लोग सेवा केंद्र से आवेदक प्राप्त करता है और उसके आधार पर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास जाकर अपना पंजीयन कराता है और प्रमाण पत्र प्राप्त करता है. लोक सेवा केंद्र से सही दस्तावेज मिले या नहीं, सम्बन्धित रजिस्ट्रीकरण ने उनका परीक्षण किया कि नहीं, ये उनकी गलती है. क्योंकि हमारे यहां हर प्रमाण पत्र के लिए विधिवत अलग-अलग केस दर्ज होते हैं. एक ही आईडी पर दो प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सकते इस संबंध में हमने न्यायालय में भी अपना पक्ष बता दिया है.
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5 जन्म प्रमाण पत्र किए निरस्त
जैसे ही मामले को न्यायालय ने संज्ञान लिया तो नगर पालिका ने ताबड़तोड़ जन्म प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिए. आरोपी मोहम्मद खान के साथ ही अन्य पांच जन्म प्रमाण पत्र निरस्त किये गये हैं. इस मामले को लेकर एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है. मेरे संज्ञान में भी मामला आया है. थाना इंचार्ज से बात करके पूरी जानकारी लेंगे, हो सकता है जांच चल रही हो, इसके बाद कार्यवाही की जाएगी.
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