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सट्‌टेबाजों से रुपए वसूल कर छिपाने वाले तीन पुलिसकर्मी हुए बर्खास्त, जानें क्या है पूरा मामला

सर्वेश पुरोहित

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Gwalior Crime News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कुछ पुलिस कर्मचारी अपराध रोकते-रोकते खुद ही अपराधी बन गए. ग्वालियर क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहे सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर तीनों को लूट का दोषी पाकर डीआईजी कृष्णावेणी देशावंतू ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. तीनों ही आरोपी पुलिसकर्मी इन दिनो फरार चल रहे हैं और तीनों पुलिस कर्मचारियों पर ग्वालियर एसपी ने 10-10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया है.

आरोपी पुलिस कर्मचारियों ने दतिया के सट्‌टेबाजों से 23 लाख रुपए की रकम बरामद की थी. दतिया के सट्‌टेबाज ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर इलाके में क्रिकेट मैच पर सट्‌टा लगाते पकड़े गए थे.

लेकिन क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहे इन पुलिस कर्मचारियों ने कार्रवाई के नाम पर बरामद की गई रकम को ट्रेजरी में जमा कराने के बजाय अपने निजी खातों में जमा करा दिया. इस तरह से कार्रवाई रोकने गई पुलिस खुद लूट की आरोपी बन गई. लूट की ये रकम पुलिस कर्मचारियों ने अलग-अलग 12 बैंक खातों में जमा करा दी थी.

वरिष्ठ पुलिस अफसरों की जानकारी में मामला सामने आने के बाद से तीनों पुलिसकर्मी फरार बने हुए हैं. उन पर 10-10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है. वसूली कांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. 23 लाख रुपए को छुपाने में इस्तेमाल बैंक खातों की संख्या 12 सामने आई थी. इसकी जांच के लिए पुलिस टीम राजस्थान और गुजरात भी गई थी.

ये है पूरा मामला

दरअसल सिरोल थाना क्षेत्र के एमपी सिटी के फ्लैट में बीते दिनों देर रात क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिला रहे सट्टेेबाजों को डरा धमका कर गन पॉइंट पर गोला का मंदिर पुलिस थाने में पदस्थ एसआई मुकुल यादव, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक राहुल यादव और आरक्षक विकास तोमर ने 23 लाख 15 हजार रुपए वसूले थे और उन्हें अपने बैंक खातों में डलवाया था. सिरोल थाना पुलिस ने 15 सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर उनसे 31 मोबाइल दो लैपटॉप और दो करोड़ के हिसाब किताब बरामद किया था.

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तब पता चला कि तीन पुलिसकर्मियों ने सट्टेबाजों से 23 लाख रुपए वसूले हैं. इस बात की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लगी थी. मामले ने जब तूल पकड़ा तब एसपी ने अपने अधीनस्थ पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया और उन पर इनाम भी घोषित किया गया. इस मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने कहा है कि विभागीय जांच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. उन्होंने ड्यूटी के दौरान सट्टेबाजों से पैसा वसूला था.

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