Pune Hit and Run Case: रईसजादे ने तेज रफ्तार कार से 2 को रौंदा, बिगड़ैल बेटा छूटा तो पुलिस ने बिल्डर पिता को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला?
ADVERTISEMENT
Pune Hit and Run Case: पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था. बताया जा रहा है कि बेलगाम रफ्तार से कार वेदांत अग्रवाल नाम का नाबालिग चला रहा था, जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है. कार की रफ्तार करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी. घटना का सीसीटीवी भी सामने आया है.
Pune hit and run case: पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस में जबलपुर की युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दर्दनाक मौत हो गई है. रविवार की तड़के अश्वनी अपने साथ काम करने वाले अनीश अवधिया के साथ अपने रूम जा रही थी, इसी बीच कल्याणी नगर के पास एक बिगडै़ल रईसजादे ने करोड़ों की पोर्शे कार को बेलगाम रफ्तार से भगाते हुए मोटरसाइकिल पर सवार दोनों को जोरदार टक्कर मार दी. इस दर्दनाक हादसे में अश्वनी और उसके दोस्त अनीश की मौके पर ही मौत हो गई.
पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था. बताया जा रहा है कि बेलगाम रफ्तार से कार वेदांत अग्रवाल नाम का नाबालिग चला रहा था, जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है. कार की रफ्तार करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी. घटना का सीसीटीवी भी सामने आया है.
हादसे के तुरंत बाद रईसजादे को मिल गई जमानत
हैरानी की बात ये है कि हादसे के तुरंत बाद किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही आरोपी को जमानत दे दी. जिन शर्तों पर किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दी है, उस परिवार वाले भी हैरत में हैं और वे इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं. अश्विनी कोष्टा उर्फ आशी के परिवार वालों का कहना है कि आशी को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. वहीं पुलिस ने भी कठोर कार्रवाई करने और जुबेनाइल कोर्ट को चैलेंज करने की बात कही है.
जानकारी के मुताबिक अब पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता को हिरासत में लिया है. एफआईआर के अनुसार नाबालिग आरोपी और उसके दोस्त कोज़ी बार में पार्टी कर रहे थे (रात 9.30 बजे से 12 बजे तक) फिर सभी ब्लैक नामक अगले बार में चले गए (रात 12 बजे से 1.00 बजे तक). इसलिए पुलिस ने बार मालिकों और प्रबंधकों दोनों पर एफआईआर दर्ज की है.
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स में रहने वाली 25 साल की अश्वनी कोष्टा ने हादसे के तुरंत बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया. परिवार में सबसे छोटी होने के कारण अश्वनी को सभी लोग प्यार से आशी कह कर बुलाया करते थे. सड़क हादसे में आशी की दर्दनाक मौत की जैसे ही खबर आई परिवार में मातम छा गया. परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
एक साल पहले ही पुणे आई थी अश्विनी
जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स कॉलोनी में रहने वाले सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं, इनका एक बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो दूसरी बेटी अश्विनी पिछले 2 सालों से पुणे में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही है. अश्विनी इसके पहले अमेजॉन कम्पनी में थी. 1 साल पहले ही उसने स्विच करके जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन किया था. पुणे में ही अश्विनी ने दम तोड़ दिया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT