घाव लगने से गर्भवती मादा बारासिंघा की मौत, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में छाया गम का माहौल
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Umariya News: उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लाये गए 37 बारहसिंघा से एक बारसिंघा की मौत का मामला सामने आया है. पिछले दिनों कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बारहसिंघों को लाया गया था. एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि टाइगर रिजर्व के मगधी जोन में बारहसिंघों के लिए जो बाड़ा बनाया गया है. उसमें एक मादा बारहसिंघा लगातार बैठी देखी गई. जिसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, उनके निर्देश पर वन्य जीव डॉक्टर नितिन गुप्ता और मगधी रेंजर दीपक राज प्रजापति मौके पर पहुंचे तो वह मादा बारहसिंघा मृत पाई गई.
वन्य जीव चिकित्सक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया और उसका अंतिम संस्कार किया गया. डॉक्टर नितिन गुप्ता ने बताया कि मृत मादा बारहसिंघा 3 से 4 माह की गर्भवती थी, और उसके मृत्यु का कारण प्रथमदृष्टया दाएं कंधे में नर बारासिंघा द्वारा मारे गए सींघ से चोट का गहरा घाव एवं उससे हुआ संक्रमण रहा है. घाव गहरा होने के कारण संक्रमण फैल गया था. विस्तृत जांच के लिए विसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए भेजा गया है. प्रोटोकॉल के अनुसार मादा बारहसिंघा एवं उसके गर्भ को जला कर नष्ट किया गया.
कान्हा नेशनल पार्क से लाए गए थे बारहसिंघा
बांधवगढ़ नेशनल पार्क से ये दुक भरी खबर सामने आई है. बता दें कि कान्हा राष्ट्रीय पार्क से 37 बारहसिंगा को हाल ही में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाया गया था. 26 मार्च को 19 बारहसिंघा लाये गए थे. इसके बाद 7 मई को 18 बारहसिंघा लाये गए थे. जिस बारहसिंघा की मौत हुई है. वह 7 मई को पार्क में लाई गई थी. सबसे बड़ी बात तो यह है कि बारहसिंगा के लिए सुरक्षित बाड़ा बनाया गया है. लेकिन बाड़े के अंदर ही इस इस मादा बारासिंघा की मौत हो गई. बाड़े और सुरक्षा के बीच हुई मौत को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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