क्या धीरेंद्र शास्त्री के कथा कार्यक्रमों का है कोई राजनीतिक एजेंडा? बिहार में जमकर मचा हंगामा

mp news: बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बिहार में इन दिनों हनुमंत कथा चल रही है और इस कथा कार्यक्रम को लेकर पूरे बिहार में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बिहार में ही धीरेंद्र शास्त्री और उनके हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को […]

Dhirendra Shastri mp news Bihar News Bageshwar Dham
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mp news: बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बिहार में इन दिनों हनुमंत कथा चल रही है और इस कथा कार्यक्रम को लेकर पूरे बिहार में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बिहार में ही धीरेंद्र शास्त्री और उनके हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को लेकर राजनीतिक हंगामा हो रहा है. इससे पहले भी धीरेंद्र शास्त्री जिन राज्यों में कथा करने गए, वहां उनके साथ कोई न कोई विवाद जरूर जुड़ा. इस बीच उनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जिस तरह से जुलाई महीने तक के कथा कार्यक्रमों का टाइम टेबल सेट है, उससे सवाल तो खड़े होते हैं कि क्या धीरेंद्र शास्त्री के कथा कार्यक्रमों के पीछे किसी तरह का कोई राजनीतिक एजेंडा है या नहीं.

इस संबंध में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक के जानकार दिनेश गुप्ता बताते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि धीरेंद्र शास्त्री का अचानक तेजी से ऊपर आना और उनका अपने हर मंच से हिंदू राष्ट्र की मांग करने के पीछे राजनीतिक एजेंडा है. यह एजेंडा राज्यों के चुनावों में हिंदुत्व के मुद्दे पर हिंदू वोटों को पोलराइजेशन करने तक सीमित नहीं है बल्कि वे बीजेपी के एजेंडा 2024 के लिए काम कर रहे हैं.

दिनेश गुप्ता बताते हैं कि आप उनके कथा कार्यक्रमों का टाइम टेबल देख लीजिए, वे अमूमन उन राज्यों में लगातार जा रहे हैं जहां पर या तो विधानसभा चुनाव नजदीक हैं या फिर जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव तो नहीं है लेकिन उन राज्यों में बीजेपी की स्थिति कमजोर है या विपक्ष में हैं. तो ऐसे राज्यों में बीजेपी के लिए हिंदुत्व के मुद्दे को केद्र में हिंदू राष्ट्र के मुद्दे के जरिए ही लाया जा सकता है और यह काम धीरेंद्र शास्त्री बखूबी कर रहे हैं.

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बिहार में पहुंचे तो पूरी बिहार बीजेपी हो गई नतमस्तक
धीरेंद्र शास्त्री जैसे ही पांच दिन पहले बिहार की राजधानी पटना पहुंचे तो उनको लेने के लिए खुद दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी पहुंचे और उनके ड्राइवर बनकर गाड़ी चलाकर उनको होटल तक लेकर आए. इसके बाद नौबतपुर में चल रही हनुमंत कथा के मंच पर पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे सहित बिहार बीजेपी के समस्त नेता आरती की थाली लेकर खड़े हो गए और उनकी आरती उतारने लगे. बिहार में जहां-जहां से धीरेंद्र शास्त्री का काफिला गुजरा, वहां-वहां हजारों की संख्या में उनके समर्थक पहुंचे. इस बीच बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस जैसे दलों ने इसे लेकर बिहार बीजेपी के नेताओं पर जमकर बरसे. बिहार के सीएम नीतिश कुमार से लेकर आरजेडी के तेज प्रताप यादव तक सभी ने धीरेंद्र शास्त्री और बीजेपी नेताओं पर धर्म के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाए.

कब-कब हुए विवाद
धीरेंद्र शास्त्री जनवरी से लेकर अब तक महाराष्ट्र में पहले नागपुर और बाद में मुंबई में कथाएं कर चुके हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनको चमत्कार दिखाने का चैलेंज दिया और उनके वापस छतरपुर आ जाने के बाद काफी विवाद हुआ. इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे और यहीं से कथा के दौरान जमकर अपने आलोचकों पर बरसे और अब बिहार में धीरेंद्र शास्त्री वहां की राजनीति के केंद्र में हैं और जमकर राजनीतिक हंगामा मच रहा है.

अब इन राज्यों में जाएंगे धीरेंद्र शास्त्री
बिहार के बाद धीरेंद्र शास्त्री के लगातार कथा कार्यक्रम जुलाई महीने तक लगे हुए हैं. इस दौरान वे मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और यूपी में राम कथा और हनुमंत कथा के लिए जाएंगे. बागेश्वर धाम ऑफिशियल की वेबसाइट के मुताबिक बिहार दौरे के बाद अब उनकी अगली कथा मध्यप्रदेश के सागर में होगी. उसके बाद बालाघाट, सूरत, अहमदाबाद,राजकोट,मंदसौर, बैंगलुरू, उज्जैन, दिल्ली, नोएडा में राम और हनुमंत कथाएं प्रस्तावित की गई हैं.

बीजेपी और कांग्रेस के ये बड़े नेता हो रहे इनके सामने नतमस्तक
बात बीजेपी की करें तो छतरपुर के गांव गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम पर आयोजित कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी कैबिनेट के लगभग सभी मंत्री, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा तो यहां आते ही हैं. इनके साथ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस में खुद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह खुद उनके दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच चुके हैं और उनका भव्य स्वागत राघोगढ़ में करा चुके हैं.

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