Exclusive: ‘सिंधिया के ‘अनैतिक’ कामों को कमलनाथ ने बहुत बर्दाश्त किया’, डॉ. गोविंद सिंह ने लगाए कई गंभीर आरोप

हेमंत शर्मा

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Dr.Govind Singh Jyotiraditya Scindia MP BJP mp congress mp political news Scindia Trust
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MP Tak Exclusive Interview: मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह को एमपी की सियासत में उनके ठसक भरे अंदाज के लिए जाना जाता है. भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से वे 7 बार से विधायक चुने जा रहे हैं और कांग्रेस की अलग-अलग समय बनी सरकारों में कई अहम मंत्रालयों के वे मंत्री रह चुके हैं. बीते 10 महीनों से वे मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर डॉ.गोविंद सिंह इस समय मध्यप्रदेश की राजनीति के एक ओर बड़े नाम और उनके पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमलावर हैं.

सिंधिया इस समय बीजेपी में हैं और भारत सरकार में नागरिक उड्‌डयन मंत्री हैं. लेकिन डॉ. गोविंद सिंह की नजर में ‘सिंधिया सामंती और अनैतिक’ व्यक्ति हैं. MP Tak को दिए Exclusive Interview में उन्होंने एक बार फिर से सिंधिया पर कई बड़े और गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि ‘सिंधिया के अनैतिक कामों को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए बहुत बर्दाश्त किया’. डॉ. गोविंद सिंह ने सिंधिया पर मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में सरकारी संपत्ति अपने ट्रस्ट के नाम कराने के आरोप भी लगाए हैं. पढ़िए नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू…

MP Tak– आप अपने बयानों की वजह से बीजेपी पर हमेशा हमलावर रहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद और ज्यादा मुखर हुए हैं क्या?

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डॉ. गोविंद सिंह– ऐसी कोई बात नहीं है. मैं सामान्य रूप से काम करता हूं. कोई मुखरता की बात नहीं है. नेता प्रतिपक्ष का पद होने के नाते अब मीडिया वाले लिखते हैं. मीडिया वाले पहले बात को वजन नहीं देते थे. छापते नहीं थे. लेकिन पद के हिसाब से अब मीडिया ज्यादा प्रमुखता से लिख रहा है.

MP Tak– आप ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमेशा बयानबाजी करते रहे हैं. उन पर हमला करते रहे हैं. इसकी कोई खास वजह है क्या?

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डॉ. गोविंद सिंह– उनका पूरा सामंती स्वभाव है.कांग्रेस में वो किसी को बर्दाश्त नहीं करते थे. जो उनकी हां में हां ना मिलाए उनकी चरण वंदना ना करें, उनके चक्कर ना लगाए, उसे पूरा नेगलेक्ट करते थे. जो जनाधार वाले लोग हैं, उनकी उपेक्षा करते थे. अगर उनकी इच्छा के विरुद्ध किसी को टिकट मिल जाए तो पार्टी में रहकर भी वे खुलेआम उसे हराने का काम करते थे. ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया के द्वारा ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाते थे. लेकिन अब ग्वालियर संभाग में कांग्रेस आजाद है. सिंधिया का ऊपर से जो दबदबा था, वह खत्म हो चुका है. अब जनाधार वाले कार्यकर्ताओं को महत्व मिल रहा है. उनके तानाशाही रवैया और सामंत शाही के खिलाफ हमें बोलना पड़ता था. व्यक्तिगत हमारा उनसे कोई विरोध नहीं है. हमारी विचारों की भिन्नता थी.

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MP Tak– जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तो वह पाक साफ थे. लेकिन बीजेपी में चले जाने के बाद दोषी हो गए. ऐसा क्यों?

डॉ. गोविंद सिंह– मैंने कभी नहीं कहा कि वे पाक साफ हैं. उन्होंने आजादी के बाद जो मर्जर एग्रीमेंट हुआ है. जो जमीन शासकीय थी. उनको हासिल करने पहले अपने राजनीतिक प्रभाव से अधिकारी नियुक्त कराए और फिर उनके जरिए अरबों रुपए की शासकीय संपत्ति अपने सिंधिया ट्रस्ट के नाम करा ली. ज्ञानी जैल सिंह ने ग्वालियर में सिंधिया क्लब के सामने ग्वालियर हाईकोर्ट का शिलान्यास किया था. उन्होंने उस पर वाटिका बनवा ली. जो उनकी संपत्ति इकट्ठा करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है. उस नीति का हमारा विरोध रहता है. ग्वालिर में जो महल गांव की जमीन 2 साल पहले तक सरकारी दस्तावेजों में शासकीय थी, उसे उन्होंने राजनीतिक पद का दुरुपयोग करते हुए अपने ट्रस्ट के नाम करा लिया. ऐसी कई संपत्ति शिवपुरी, उज्जैन और ग्वालियर में हैं.

MP Tak– क्या आप सिंधिया पर इसलिए ज्यादा हमलावर होते हैं, क्योंकि उनके जाने के बाद अब आपको चंबल और ग्वालियर संभाग में बीजेपी से बड़ी चुनौती मिलने वाली है?

डॉ. गोविंद सिंह– सिंधिया कभी चुनौती नहीं थे. ना आज हैं. वह व्यक्तिगत स्वयं अपने लिए जीतते और बाकी लोगों को हराने का काम करते थे. लेकिन अब जनाधार वाला कार्यकर्ता स्वतंत्र है और अपनी ताकत और मेहनत से आगे आएगा. अपने ही सांसद प्रतिनिधि से वे सवा लाख वोटों से कैसे हार गए? मुझे लगातार हराने का प्रयास करते रहे. लोकसभा चुनाव में खुलेआम मेरे विरोध में पूरी पार्टी लगा दी थी. 2018 में लोकसभा प्रत्याशी देवाशीष जरारिया को उनके लोगों ने खुलेआम हराने का काम किया. भागीरथ प्रसाद को भी हराने का काम किया.

MP Tak– सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी इसके पीछे की वजह आप क्या मानते हैं. क्या कमलनाथ सरकार में उनकी उपेक्षा हुई थी?

डॉ. गोविंद सिंह– सिंधिया दबाव डालकर अनैतिक कृत्य कराना चाहते थे. दबाव डालकर ग्वालियर किले की जमीन ले ली. जमीनों का कब्जा करना, इस तरह का व्यवहार उनका रहा है. उनके बिना मर्जी के किसी अधिकारी को ग्वालियर-चंबल संभाग में नियुक्त करा दिया तो दबाव डालकर उसे निरस्त कराने का काम करते थे. राजा महाराजाओं का जो सामंत शाही तरीका था, उसे वे अपनाते थे. कमलनाथ एक समय तक बर्दाश्त करते रहे. एक सीमा तक उन्होंने सहा. उन्होंने जो उपेक्षा की, उसे भी कमलनाथ सहते रहे. लेकिन सिंधिया ने कांग्रेस का दल बदल कर जिस पत्तल में खाया उसी में छेद कर दिया.

MP Tak– कांग्रेस ने सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाया. प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाया. राज्यसभा का उम्मीदवार भी नहीं बनाया तो क्या यह पूरी प्लानिंग के तहत ऐसा किया गया था ?

डॉ. गोविंद सिंह– कौन कहता है, नहीं बनाया. राज्यसभा की उम्मीदवारी उनकी तय हो गई थी. राजनीति क्या पद के लिए ही होती है. पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं तो पार्टी में काम करिए. मैं इतने साल से विधायक हूं, मैंने कभी किसी पद के लिए जुबान नहीं खोली. काम कर रहे हैं, तो पार्टी ने देखा, तो वरिष्ठता के हिसाब से नेता प्रतिपक्ष बना दिया. मैं कभी अपने मुंह से मांगने नहीं गया.

MP Tak– सिंधिया ने अपने एक बयान में आपको बूढ़ा कह दिया था, आप इसे किस तरह से लेते हैं?

डॉ. गोविंद सिंह– उन्होंने कहा है तो सच्चाई होगी. लेकिन युवा शक्ति ग्वालियर की जनता ने उन्हें बता दिया कि वे कितने युवा हैं? ग्वालियर और मुरैना नगर निगम हरा दिया उनको. जब तक वे कांग्रेस में रहे, तब तक उन्होंने कांग्रेस को महापौर की ये दो सीटें नहीं जीतने दी. क्योंकि इससे उनका वर्चस्व कम हो जाता. अब वह अलग हो गए हैं तो हमारे रिजल्ट आने लगे.

MP Tak- कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में निर्णय लिया है कि 60-70 साल के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. एक परिवार-एक टिकट की नीति लागू कर दी गई है. क्या यह सही है?

डॉ. गोविंद सिंह यह पूरी तरह असत्य है. ऐसा कुछ तय नहीं हुआ है. यह तय हुआ है, कि युवाओं को अवसर मिलना चाहिए.

MP Tak- कांग्रेस पर अक्सर आरोप लगता है कि वह सदन छोड़ कर भाग जाती है. कोई विरोध नहीं करती और मुद्दों पर चर्चा करने से डरती है. नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आप क्या कहेंगे?

डॉ. गोविंद सिंह– भारतीय जनता पार्टी की सरकार गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. भारतीय जनता पार्टी का प्रजातंत्र में विश्वास नहीं है. वह नहीं चाहते कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप का जवाब दें. इसलिए स्वयं बयानबाजी करते हैं. यह लोग मुंह के जबर हैं. सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाकर मैंने और हमारे पार्टी के सभी विधायकों ने बड़ी मुखरता के साथ प्रमाण सहित भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया था. लेकिन सरकार ने उनका जवाब देने की बजाय उल जलूल बातें करने का काम किया.

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