पिता की दर्दनाक कहानी: बेटी के इलाज में सब बिक गया, खून बेचकर आटा खरीदा फिर जिंदगी से यूं हारा

योगीतारा दूसरे

ADVERTISEMENT

Satna Everything was sold treatment of meritorious daughter flour by selling blood father dreadful step
Satna Everything was sold treatment of meritorious daughter flour by selling blood father dreadful step
social share
google news

MP News: लचर सिस्टम के आगे एक आम इंसान किस तरह घुटने टेक देता है, इसका जीता-जागता प्रमाण हैं सतना के प्रमोद गुप्ता.. जिन्होंने पहले तो अपनी दिव्यांग बेटी अनुष्का गुप्ता के इलाज के लिए अपना सबकुछ बेच दिया. फिर सरकारी इमदाद के लिए सरकारी दफ्तरों में एड़ियां रगड़ने लगे. जिस व्यक्ति ने अपनी मेधावी बेटी के इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और हिम्मत नहीं हारी. उसने परिवार का पेट भरने के लिए अपना खून तक बेचा, उस प्रमोद गुप्ता ने आखिरकार सरकारी तंत्र के लचर व्यवस्था से आजिज आकर खुदकुशी कर ली.

कोलगवां थाना क्षेत्र के ट्रासंपोर्ट नगर में रहने वाले 55 वर्षीय प्रमोद गुप्ता की तीन संतानें हैं. बड़ी बेटी अनुष्का 21 वर्ष की है. उदय की उम्र 18 तो रैना 12 साल की है. 5 साल पहले हुए सड़क हादसे में अनुष्का कमर के नीचे पैरालाइज्ड हो गई. तब से वह बिस्तर पर है. बेटी के इलाज के लिए पिता प्रमोद ने हर संभव प्रयास किए. यहां तक कि घर, दुकान और जेवर सब कुछ बेच दिया. दूसरे के यहां नौकरी करने लगे.

सतना से लेकर इंदौर तक बेटी को लेकर गए और डॉक्टरों से मिले मगर नियति को शायद यही मंजूर था. उपचार में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी अनुष्का फिर कभी बिस्तर से उठ न सकी.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

बिस्तर पर लेटे-लेटे की 10वीं की पढ़ाई, 76 फीसदी अंक लाए
अनुष्का को पढ़ने का बेहद शौक है। पिता ने बेटी की वो कमी भी पूरी की. स्मार्ट फ़ोन खरीदकर दिया जिससे पढ़ाई कर अनुष्का ने 2022 में 10वीं की परीक्षा पास की. इसके लिए अनुष्का को मेधावी छात्रा का सम्मान भी मिला. मौजूदा कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कलेक्ट्रेट में अनुष्का का सम्मान किया था साथ ही यह भरोसा भी दिया था कि आगे की पढ़ाई में प्रशासन पूरी मदद करेगा. सरकारी योजनाओं का लाभ भी अनुष्का के परिवार को दिया जाएगा.

अनुष्का गुप्ता ने पिता की मौत के बाद पूरी बात बताई…

ADVERTISEMENT

5 साल पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था जिस चक्कर में पापा ने मेरे इलाज में दुकान, मकान सबकुछ बेच दिया था. वो 5 साल से परेशान थे. आए दिन हमारे घर में कहीं दूध वाला. कहीं किराने वाला. कहीं किश्त वाला, कहीं कर्ज वाले पैसा मांगने आ रहे हैं. थक चुके थे वो. इस डिप्रेशन में आकर उन्होंने सुसाइड कर लिया.

बेहद प्रतिभाशाली है बेटी अनुष्का
बेटी अनुष्का ने बताया- ‘मैंने बिस्तर में लेटे-लेटे मोबाइल के थ्रू 15 दिन के अंदर पढ़ाई किया. रिजल्ट मेरा 76 परसेंट आए थे. मैं लिख नहीं सकती थी इसलिए मैंने रायटर हायर किया था. मेरा सम्मान समारोह हुआ था. सम्मान समारोह में जाने का मकसद ये था कि मैं अपनी आवाज ऊपर तक पहुंचाऊं. सरकार तक पहुंचाऊं. जो मेरे लिए हो सकता है. मैं अपने लिए मदद करूं. वो मेरा उद्देश्य पूरा हुआ.’

ADVERTISEMENT

अनुष्का ने आगे कहा- ‘कलेक्टर सर ने मुझे आश्वासन दिया कि मेरे ट्रीटमेंट के लिए. आगे की एजुकेशन के लिए और जो भी मुझे सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है वो करेंगे. लेकिन मेरे फादर एक साल से कलेक्ट्रेट ऑफिस के चक्कर काट रहे थे. कहीं कहते कलेक्टर सर से मिलो. कहीं कहते नीरज सर से मिलो. कहीं लोक सेवा केंद्र जाओ. कहीं नगर निगम जाओ. कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर सुन लेते तो मेरे पापा मेरे साथ होते. जिंदा होते. मैंने इस चक्कर में अपने पिता को खो दिया.’

‘कुछ दिन पहले घर पर सिलेंडर खत्म हो गया था. खाने को नहीं था तो वो अपना ब्लड बेचकर सिलेंडर लेकर आए थे।. इस हादसे का जिम्मेदार मैं किसको मानूं नहीं पता लेकिन सभी जिम्मेदार हैं. प्रशासन आज अगर मेरी मदद करता तो आज मेरे पापा जिंदा होते.’

रेलवे ट्रैक पर मिला बेटियों के पिता शव
डीएसपी ख्याति मिश्रा ने बताया कि एक प्रमोद गुप्ता हैं 55 वर्ष के, उनके सुसाइड की जानकारी मिली है. घटनास्थल सिविल लाइन थाना क्षेत्र था. मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक में रेलवे ट्रैक में सुसाइड किया है. हमने मर्ग कायम किया है. घर वालों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि घर से सुबह 4 बजे के करीब दुकान जाने के लिए निकले थे. जब इनका फोन नहीं लगा और 8 बजे तक कोई खबर नहीं हुई तो घर वालों ने ढूंढना चालू किया और यह घटना पता चली.

ये भी पढ़ें: MP में बड़ा हादसा: सलकनपुर दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं का वाहन पलटा, 3 महिलाओं की मौत

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT