Good News: ऑर्गेनिक फार्मिंग से किसान बना लखपति, 2 एकड़ जमीन पर मिर्ची की पैदावार से सालाना कमा रहा 5 लाख रुपये
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MP NEWS: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एक किसान ने रासायनिक खाद को छोड़ ऑर्गेनिक फार्मिंग की विधि अपनाई, इससे उसकी आय दोगुनी हो गई और वह सालाना 5 लाख रुपये कमा रहा है. छिंदवाड़ा के ग्राम कुंडाली खुर्द के इस किसान ने अपनी मेहनत से दिखा दिया कि खेती किसानी में भी कमाई हो सकती है, इसके लिए किसान बलबीर चंद्रवंशी ने आर्गेनिक खेती का रास्ता चुना और रसायनिक खाद को छोड़ दिया. इसके बाद ढाई लाख रुपये सालाना कमाने वाले किसान बलबीर की आमदनी बढ़कर अब 5 लाख सालाना हो गई. कुंडाली खुर्द के किसान बलबीर चंद्रवंशी की इस कोशिश ने क्षेत्र के दूसरे किसानों को भी खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा दी है. किसान बलबीर ने यह कमाल मिर्ची की फसल पैदा करके ही यह कमाल कर दिखाया है.
छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड परासिया के ग्राम कुंडालीखुर्द के बलबीर चंद्रवंशी ऐसे किसान हैं, जो प्राकृतिक खेती के द्वारा अच्छा उत्पादन और आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. कृषक बलबीर चंद्रवंशी का कहना है कि इसके लिए उसने सिर्फ दो काम किए हैं. पहला उसने रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल बंद कर दिया और दूसरा, उसने प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करना शुरू किया. इसके कारण उसने दो एकड़ जमीन पर मिर्च पैदा कर अपनी आय ढाई लाख रुपए सालाना से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करके दिखा दिया.
मठा, हल्दी और गोबर की खाद के प्रयोग ने किसान को दी अच्छी फसल
अपनी खेती की तकनीक में परिवर्तन करते हुये किसान बलबीर ने पिछले मौसम में 1.50 एकड़ जमीन पर मिर्च की फसल और आधा एकड़ में ककड़ी की फसल लगाई. इन फसलों में पूर्व की तरह रसायन का प्रयोग नहीं किया. सिर्फ प्राकृतिक रूप से तैयार किये गये कीटनाशक ब्रम्हास्त्र व अग्निअस्त्र और फफूंद नाशक मठा, हल्दी और गोबर की खाद का प्रयोग किया. इस मिश्रण का अपनी फसल पर प्रत्येक 10-12 दिन के अन्तर से छिड़काव किया, जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त हुआ.
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रासायनिक खाद बंद करने से एक लाख रुपए की बचत भी हुई
कृषक बलबीर चंद्रवंशी ने बताया कि 1.50 एकड़ क्षेत्र में मिर्च की फसल के लिए जैसे ही मैंने रासायनिक खाद का इस्तेमाल बंद किया मुझे एक लाख रुपए की बचत भी हुई. कृषक बलबीर चंद्रवंशी ने बताया कि मुझे मध्यप्रदेश सरकार की आत्मा परियोजना के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती के विषय में प्रशिक्षण दिया था. मुझे इसके बेहतर परिणाम मिले हैं और अब मेरे पास क्षेत्र के दूसरे किसान भी प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी लेने आ रहे हैं. मैं उन लोगों को भी प्राकृतिक खेती के तौर-तरीके इस्तेमाल करने के टिप्स दे रहा हूं. इससे फसल अधिक, बेहतर और रसायनों के दुष्प्रभाव रहित होगी. जो किसान और खाने में इस्तेमाल करने वाले आम लोग सभी के लिए उचित है.
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