थाने पहुंचे घोड़ा-घोड़ी, परेड में आवाज सुनकर की अपने मालिक की पहचान…

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Gwalior News: ग्वालियर से चोरी किए गए घोड़ा-घोड़ी पुलिस ने पखवाड़े भर पहले जनक गंज थाना क्षेत्र के निंबाजी की खोह में यूपी के हाथरस से बरामद कर लिया है. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को पकड़ा है, जिन्होंने उन्हें कोटा के  पशु मेले में बेच दिया था. फिलहाल कागजी खानापूर्ति कर पुलिस ने दोनों घोड़ा-घोड़ी को उसके मालिक को सौंप दिया है और पकड़े गए आरोपियों से अन्य वारदातों के बारे में पूछताछ की जा रही है. बाद में पुलिस ने मालिक से घोड़े और घोड़ी की पहचान करने को कहा तो उन्होंने आवाज लगाकर घोड़ा-घोड़ी की पहचान की गई.

ग्वालियर से चोरी किए गए दो घोड़ा-घोड़ी को रहने वाले उमेश शर्मा के लापता घोड़ा-घोड़ी को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से ढूंढ निकाला है. अब यह घोड़ा घोड़ी जनक गंज थाने में पुलिस अभिरक्षा में हैं. पुलिस ने कुछ कागजी खानापूर्ति करने के बाद इन घोड़ों को उसके असली मालिक की सुपुर्दगी में दे दिया है. इस सिलसिले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

खास बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगे थे. जिसमें घर के बाहर बंधे घोड़ों को आधीरात के बाद 2 लोगों द्वारा खोल कर ले जाने बाद में उन्हें एक वाहन से बाहर ले जाने के सीसीटीवी फुटेज मिले थे. इन्हीं फुटेज के आधार पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और उसने इस मामले में अकरम खान, अजय, अमन खान और भूरा नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज किया है.

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घोड़ी और घोड़ा को रात को खोल ले गए चोर
दरअसल, जनक गंज थाना क्षेत्र के निंबाजी की खोह में रहने वाले उमेश शर्मा के पास दो घोड़े थे. इनमें एक घोडी भी थी. 8 फरवरी की रात को वह हमेशा की तरह घर के बाहर घोड़ों को बांधकर अपने परिवार के साथ सो रहे थे. आधी रात के बाद लोडिंग वाहन में सवार होकर कुछ अज्ञात लोग खूंटे से बंधे उनके घोड़ा घोड़ी को खोलकर ले गए. उमेश की फरियाद पर पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो कुछ फुटेज में आरोपियों की करतूत कैद हो गई.

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फोटो: सर्वेश पुरोहित

आरोपियों ने बांध रखा था मुंह पर कपड़ा
वारदात के दौरान सभी आरोपी अपना चेहरा बांधे हुए थे. इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े गए आरोपियों ने अपना गुनाह कुबुल किया और बताया कि चोरी के बाद उन्होंने कोटा में आयोजित मेले में दोनों ही घोड़ा-घोड़ी को हाथरस के रहने वाले एक ग्राहक को बेच दिया था. इसी के बाद पुलिस ने मौके के आसपास के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले, जिनमें वे घोड़ा घोड़ी को खोलकर लोडिंग आटो से ले गए थे. दबिश देकर ना सिर्फ आरोपियों को दबोच लिया, बल्कि दोनों घोड़ा घोड़ी को भी बरामद कर लिया.

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पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर ढूंढ निकाला घोड़ा-घोड़ी
बताया जा रहा है कि अज्ञात चोरों लोगों ने पहले से इस घर की रेकी कर रखी थी. पुलिस जब आरोपियों तक पहुंची तो उन्होंने वारदात के बारे में विस्तार से बताया कि उन्होंने चोरी किए गए घोड़ा घोड़ी बताया कि दोनों घोड़ों को बेच चुके हैं. इसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू की और आरोपियों की निशानदेही पर उन्हें खरीदने वाले तक पहुंच गई.

ऐसे हुई घोड़ा घोड़ी के मालिक की पहचान
थाना प्रभारी आलोक तोमर ने बातचीत में बताया कि जब लास्ट में घोड़ा घोड़ी के मालिक से पूछा कि वर्षों से तुम इनको रख रहे हो यह तुम्हारे ही है या नहीं तो इस बात की पहचान कराओ तो जैसे ही मालिक ने घोड़े को आवाज लगाई तो घोड़ा तत्काल अपने मालिक के पास आगया सभी इस बात को देखकर खुश हुए.

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