BJP को एक और झटका: पूर्व MLA समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने छोड़ा साथ, थामा इस पार्टी का दामन

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Hundreds of workers including former MLA left BJP, joined Congress
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Mp Politics:  मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही नेताओं का एक पाले से दूसरे पाले में जाने का सिलसिला लगातार जारी है. दीपक जोशी के बाद बीजेपी से नेताओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है, जो कहीं न कहीं बीजेपी के लिए टेंशन की वजह बन रहा है. रविवार को बालाघाट से बीजेपी की पूर्व विधायक अनुभा मुंजारे, हरदा में युवा नेता दीपक सारण तो सागर की नरयावली विधानसभा से विधायक प्रदीप लारिया के भाई ने हेमंत लारिया समेत कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है.

जानकारी के मुताबिक बालाघाट से अनुभा मुंजारे अपने पुत्र शांतनु मुंजारे के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं हैं. वहीं, हरदा से बीजेपी नेता दीपक सारण अपने साथ सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल पहुंचे थे. सतना से पूर्व मंत्री सईद अहमद फिर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. सईद दिग्गी सरकार में मंत्री थे. बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. अब उनकी घर वापसी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर कराई है.

आज ये नेता कांग्रेस में हुए शामिल
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की धर्मपत्नी अनुभा मुंजारे ने रविवार को कांग्रेस की सदस्यता ली. उन्होंने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पीसीसी चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे. वे बालाघाटा विधानसभा 111 से कांग्रेस की तरफ से टिकट की दावेदार बताई जा रही हैं. इसी तरह सतना जिले से आने वाले पूर्व मंत्री सईद अहमद की बसपा से कांग्रेस में वापसी कराई गई है.

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वे नगर निगम के चुनाव में बसपा की टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाए थे. इसका भाजपा को फायदा हुआ और योगेश ताम्रकार मेयर बन गए थे. अब दोबारा से उन्होंने भी कांग्रेस की सदस्यता ले ली है.

भाजपा झूठ बोलकर सिख समाज को गुमराह करना बंद करे
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि चुनाव आते ही धर्म और दंगे की बात करना भाजपा की डर्टी पॉलिटिक्स करने में लग जाती है. 18 साल के पाप धोने के लिए यह सब किया जा रहा है. जबकि हक़ीक़त ये है की आज तक किसी दंगों में किसी भी एफ़.आई.आर या आरोप पत्र में मेरा नाम तक नहीं है आज इनका असली चेहरा पूरा प्रदेश पहचान रहा है. शिवराज जी कहते हैं मैं 15 महीनों का हिसाब दूं. मैं देने के लिए तैयार हूं. लेकिन शिवराज मंच पर आए और मुझे अपने 15 साल का हिसाब भी दे दें.

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