‘भगवान राम को मिला आयकर विभाग का नोटिस’, अजीबोगरीब है मामला, खुद जानिए

मयंक दुबे

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Income tax department gave notice Shriramraja government temple account of offerings
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MP News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी ओरछा के श्रीरामराजा मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले दान को लेकर आयकर विभाग ने 23 मार्च 2023 को नोटिस जारी कर श्रीरामराजा मंदिर (Shri Ramraja Sarkar Temple) व्यवस्थापक को आयकर रिटर्न दाखिल करने का नोटिस दिया है. इससे पहले आयकर विभाग (Income Tax) ने मंदिर के दान को लेकर वर्ष 2010 एवं 2020 में भी नोटिस जारी किया गया था.

उसी समय से मंदिर प्रबंधन और प्रशासन आयकर विभाग के सामने यह साबित करने का प्रयास कर रहा है कि रामराजा मंदिर शासकीय होने के चलते आयकर से मुक्त है. लेकिन कई कोशिशों के आयकर विभाग यह मानने के लिए तैयार नहीं है. मार्च में एक बार फिर आयकर विभाग ने श्रीरामराजा मंदिर ओरछा के व्यवस्थापक एवं तहसीलदार के नाम से नोटिस जारी किया है. जारी किए गए इस नोटिस में विभाग ने वर्ष 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में जमा किए गए 1 करोड़ 22 लाख रुपए का हिसाब मांगा है.

मंदिर प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए
आयकर विभाग ने इसके विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट, पी एण्ड एल खाता के साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा एवं अन्य खातों की जानकारी मांगी है. इस नोटिस के जवाब में मंदिर प्रबंधन एवं प्रशासन का कहना है कि मंदिर शासकीय है इस कारण मंदिर आयकर की श्रेणी से बाहर है. आयकर विभाग इस जबाब से संतुष्ट नहीं है. इसलिए मंदिर प्रबंधन से और पुख्ता प्रमाण मांग रहा है.

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मंदिर प्रबंधन द्वारा आयकर विभाग को वर्ष 2010 के आधार पर जवाब दिया गया है. जानकारी के अनूसार 2010 में भी आयकर विभाग ने मंदिर की आय को लेकर नोटिस जारी किया था. उस समय तत्कालीन कलेक्टर द्वारा धर्मस्व विभाग की सूची का हवाला देते हुए बताया गया था कि यह मंदिर शासकीय मंदिरों की सूची में 53वें नंबर पर अंकित है. इसके साथ ही प्रशासन ने सन 1999 में धर्मस्व विभाग द्वारा तैयार की गई सूची का हवाला भी दिया था. इसी आधार पर प्रशासन ने इस बार भी आयकर विभाग को जवाब भेजा है.

आयकर विभाग के नोटिस का जवाब भेज दिया है…
मंदिर के व्यवस्थापक एवं तहसीलदार मनीष जैन आयकर विभाग द्वारा भेजे गए दूसरे नोटिस का जवाब भी सबमिट कर दिया गया है. मंदिर के शासकीय होने के तमाम प्रमाण जवाब में दिए गए है. इस मामले को पूरी तरह से खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.

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