आर्मी में जाने की जिद में 4 बजे से दौड़ लगाती थी ईशा, मेहनत से बनी सीहोर की पहली महिला अग्निवीर

नवेद जाफरी

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Isha used to run, 4 am morning, insistence of indian army, first woman Agniveer of Sehore
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First Women Agniveer: मध्यप्रदेश के सीहोर में सब्जी का व्यापार करने वाले की बेटी ईशा कुशवाह ने अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाते हुए जिले की पहली महिला अग्निवीर में अपना नाम दर्ज कराया है. ईशा की इस कामयाबी ने जिले का नाम रोशन किया है, जिसके बाद बधाई देने महिला अग्निवीर के घर लोगों का तांता लगा हुआ है. ईशा रोजाना कई किलोमीटर की दौड़ लगाती है, साथ ही अपनी पढ़ाई भी करती है. अपने कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

मिली जानकारी के अनुसार, सीहोर के भोपाल नाका क्षेत्र में रहने वाली 19 वर्षीय ईशा कुशवाह का भारतीय सेना के अग्निवीर के लिए हुआ है. वह शहर के शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में बीएससी थर्ड ईयर की छात्रा है. ईशा कुशवाहा एनसीसी कैडेट भी है, अग्निवीर में चयन होने का शेर है वह अपने माता पिता को देती हैं, ईशा के पिता सब्जी का व्यापार करते हैं. वहीं उनकी माता आंगनवाड़ी में सहायिका के पद पर पदस्थ हैं. ईशा रोजाना सुबह 4:00 बजे उठकर हर रोज 4-5 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं और दिन में पढ़ाई करती हैं.

पिता करते है सब्जी का व्यापार
बताया जा रहा है की अग्निवीर के लिए चयनित हुई ईशा कुशवाह के पिता सब्जी का व्यापार करते हैं. वहीं उनकी माता आंगनबाड़ी में पदस्थ हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत से अपनी बेटी को पढ़ाया और उसकी हौसला अफजाई की, जिससे वह इस मुकाम पर पहुंच सकी. ईशा के भाई अजय कुशवाह कहते हैं कि हमारी दीदी ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम किया दिन रात मेहनत की आज हमें बहुत गर्व हो रहा है बड़ी खुशी हो रही है. हमारी बहन का चयन अग्निवीर के लिए हुआ है.

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30 मिनट में तय करती है 1600 मीटर की दूरी
ईशा कुशवाहा मीडिया से चर्चा करते हुए कहां की अग्निवीर का फिजिकल बीते नवंबर में था, इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की वह सुबह शाम दौड़ती थी. साथ ही दिन में पढ़ाई करती थी और डाइट को फॉलो करती थी. फिजिकल टेस्ट होने से दो तीन महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. 1600 मीटर की रनिंग 30 मिनट में तय करनी थी, इसके लिए उन्होंने काफी दौड़ लगाई.

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ईशा ने बताया शेड्यूल :
जिले की पहली महिला अग्निवीर ईशा कुशवाह ने बताया कि उन्होंने अपना शेड्यूल बनाया हुआ था, सुबह मॉर्निंग में 4 बजे उठकर रनिंग करती थी. डाइट में मूंगफली के दाने, सोयाबीन, दालें, दूध-केला इन सभी चीजों को वो अपने आहार डाइट में शामिल करती थीं.

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सेना में अफसर बनने की संभावनाएं भी
शासकीय पीजी कालेज के प्रोफेसर एवं एनसीसी प्रभारी डा, उदय डोलस ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आज महाविद्यालय के लिए बहुत ही बड़ा दिन है बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद इस मुकाम को हासिल किया है. उसका चयन जिले की पहली महिला अग्निवीर के रूप में हुआ है. ईशा कुशवाहा बीएससी थर्ड ईयर की स्टूडेंट है, अभी उनका बी ग्रेड में अल्फा ग्रेड बना है और सी ग्रेड में 19 को परीक्षा देंगी और उनका अल्फा ग्रेड बन जाता है तो बिना किसी रिटर्न परीक्षा के सीधे आर्मी ऑफिसर बन जाएगी.

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