2017 Train Blast: मध्यप्रदेश के जबड़ी रेलवे स्टेशन पर 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट के बारे में सुनकर हर किसी की रूह कांप गई थी. इस मामले में लखनऊ की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 8 दोषियों को सजा सुनाई है. इस भयावह हादसे में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. 6 साल बाद आए एनआईए के इस फैसले में 7 दोषियों को फांसी और 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस पर सीहोर की चश्मदीद ने खुशी जताई है. साथ ही अपना दर्द भी बयां किया है.
इस हादसे को 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके जख्म अभी भी ताजा हैं. भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट में सीहोर की रहने वाली जिया कुशवाह बुरी तरह घायल हो गई थीं. वह अपने 6 साल के बेटे तपश और जिया की सास पुष्पा देवी के साथ दर्शन करने बोलई जा रही थीं. जिया उस वक्त प्रेग्नेंट थी और हादसे की वजह से उनका मिसकैरेज हो गया था. इस ट्रेन ब्लास्ट में उनके कान के पर्दे भी फट गए थे.
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ब्लास्ट का आंखों देखा हाल
ब्लास्ट की चश्मदीद जिया ने बताया कि ट्रेन में अचानक ब्लास्ट हुआ, ट्रेन की छत फट गई और अफरा-तफरी मच गई. धुआं ही धुआं था, कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. आग लग गई थी और में बेहोश हो गई थी. एक कुर्सी से दूसरी कुर्सी पर जाकर गिर गई थी. मुंह पर छर्रे लग गए थे. मेरी उंगली टूटकर लटक गई मुझे काफी चोटे आई. उस हादसे से अभी तक नही उभर सकी हूं. उसे याद करने में भी डर लगता है. उस हादसे के बाद दिवाली के फटाके फोड़ने में भी डर लगता है.
सजा पर जताई खुशी, पर मिलना चाहिए मुआवजा
जिया ने आगे कहा कि बहुत ही बड़ी वारदात थी. आरोपियों को सजा हुई है, यह बहुत ही खुशी की बात है. जिया कुशवाहा ने हादसे को लेकर बताया कि इतने साल बाद भी इस हादसे से अब तक नहीं उभरी हूं. शरीर में कई जगह चोटें आई थी. 4 से 5 महीने ठीक होने में लगे थे. इसके अलावा जिया कुशवाहा ने मुआवजे की मांग भी की. उन्होंने कहा कि उस हादसे का जो मुआवजा मिला था, वो बहुत ही कम था. इससे कई ज्यादा तो हमारे इलाज में लग गए और मुआवजा मिलना चाहिए.