MP News: एमपी की सियासत में ‘माई के लाल’ वाले नारे की एंट्री ने एक बार फिर शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस नारे ने 2018 के इतिहास को एक बार फिर ताजा कर दिया है. उस वक्त सरकार के खिलाफ एक नई पार्टी सपाक्स का उदय हुआ था तो इस बार करणी सेना ने सरकार को चेतावनी दी है और भारी संख्या में जंबूरी मैदान में एकत्र हुए हैं. अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह चुनावी मैदान में कूद पड़ेंगे.
दरअसल, मध्य प्रदेश करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में रविवार को जंबूरी मैदान में लाखों कार्यकर्ता कार्यकर्ता जुटे थे. प्रदर्शन एक ही दिन का था लेकिन बड़ी संख्या में लोग सोमवार को भी आंदोलन के लिए डट गए. जीवन सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों का दल एमपी नगर जा रहा था. जिसे भेल चौराहे के पास पुलिस ने रोक लिया. जिसके बाद से जीवन सिंह शेरपुर ने पुलिस प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं.
सीएम के बयान के बाद गरमाई थी राजनीति
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 12 जून 2016 को अनुसूचित जाति, जनजाति के कर्मचारी-अधिकारियों के सम्मेलन में पहुंचे थे. सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था, “मेरे होते हुए आरक्षण को कोई भी माई का लाल खत्म नहीं कर सकता, आरक्षण जारी रहेगा, प्रमोशन में भी मध्य प्रदेश सरकार आरक्षण देगी, संविदा भर्तियों में भी आरक्षण दिया जाएगा.” बस इसी को लेकर एमपी में सियासत शुरू हो गई. जो आजतक जारी है.