Betul News: मध्य प्रदेश के बैतूल में ट्रेनी लेडी IFS अफसर की कार्रवाई की बड़ी चर्चा हो रही है. चर्चा तो होनी ही थी, क्योंकि ये लेडी सिंघम राजस्थान जाकर वहां के वन माफियाओं के चुंगल से बैतूल के जंगल से काटी गई लाखों रुपए की सागौन की लकड़ी छुड़ाकर ले आई है. साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. इस कार्रवाई के बाद लोग लेडी अफसर को ‘लेडी सिंघम’ बोलने लगे हैं. बैतूल के दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के महूपानी जंगल से 1 महीने पहले 22 सागौन के पेड़ों की वन माफिया काटकर उसकी लकड़ी भर ले गए. यह क्षेत्र बैतूल के ताप्ती वन परिक्षेत्र में आता है और यहां पर ट्रेनी IFS पूजा नागले प्रभारी अधिकारी हैं.
सागौन की इतने बड़े पैमाने पर हुई कटाई से वन विभाग में हड़कंप मच गया और पूजा नागले के सामने यह मामला चुनौती बन गया. काटी गई सागौन और आरोपियों को पकड़ने के लिए दक्षिण वन मंडल के प्रभारी डीएफओ वरुण यादव ने टीम बनाई. इस टीम का प्रभारी पूजा नागले को बनाया गया. छानबीन शुरू हुई, मुखबिरों को सक्रिय किया गया. एक मुखबिर से जानकारी मिली की काटी गई सागौन जिस ट्रक से गई है, उसे ड्राइवर विष्णु पिपलोदे उर्फ भूरा चलाता है.
ऐसे शुरू हुई धरपकड़
सबसे पहले वन विभाग की टीम ने ड्राइवर भूरा को पकड़ा और उससे पूछताछ की तो पहले वह टीम को जानकारी नहीं दे रहा था, जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वन विभाग के सामने चौंकाने वाला मामला आया. भूरा ने बताया कि महू पानी के जंगल से काटी गई लकड़ी ट्रक के माध्यम से राजस्थान के भीलवाड़ा में बेची गई है. इस जानकारी के बाद वन विभाग सकते में आ गया. अफसरों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इतनी दूर लकड़ी कैसे चली गई रास्ते में फॉरेस्ट के कई बैरियर और नाके मिलते हैं.
वन विभाग के सामने दूसरी बड़ी मुश्किल है थी कि इस लकड़ी को पकड़ने के लिए ट्रेनी IFS अफसर कैसे कार्रवाई करेगी. वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई और DFO वरुण यादव ने पूजा नागले को राजस्थान जाकर लकड़ी पकड़ने की अनुमति दी. 13 वन कर्मियों की टीम 11 मई को बैतूल से निकली और 700 किलोमीटर दूर राजस्थान के भीलवाड़ा पहुंची. 12 मई को भीलवाड़ा के हरिपुर गांव की आरा मशीन पर टीम ने छापा मारा जहां अवैध लकड़ी बेची गई थी.
टीम के पहुंचते ही आरा मशीन के कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे. आरा मशीन के मालिक रामेश्वर सुथार को बुलवाया गया पहले तो सुथार ने अपनी ऊंची पहुंच की धौंस दी, लेकिन वन विभाग की टीम की सख्ती के बाद वो सरेंडर हो गया और उसने पूरी कहानी वन विभाग की टीम को बता दी.
13 घन मीटर सागौन की लकड़ी बरामद
टीम ने आरा मशीन से 13 घन मीटर सागौन की लकड़ी बरामद की और ट्रक के माध्यम से उसे बैतूल वापस लाया गया. इस पूरे अभियान में बिना रुके 57 घंटे लगे और 13 मई को टीम वापस बैतूल आई. आरा मशीन के मालिक ने बताया कि उसने लकड़ी गोकुल विश्नोई से 7 लाख रुपये में खरीदी थी. इस लकड़ी की सरकारी कीमत 12 लाख रुपए बताई जा रही है.
इस मामले में वन विभाग ने ट्रक ड्राइवर भूरा और आरा मशीन मालिक रामेश्वर सुथार को गिरफ्तार कर लिया. अभी वन माफिया गोकुल बिश्नोई, भजन बिश्नोई और दीपक तीनों फरार है. ये तीनों हरदा जिले के रहने वाले हैं. ट्रक ड्राइवर भूरा ने वन विभाग की टीम को बताया कि जंगल में पेड़ काटने के पहले दिन में निशान लगाए जाते हैं. इसके बाद हरदा से कुशल मजदूरों को लाकर रात में पेड़ों की कटाई होती है. कुछ घंटों में ही आरा से पेड़ काट दिए जाते हैं और इन्हें ट्रक में भरकर ले जाया जाता है.
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