Rewa News: भारतीय महिलाओं ने हर क्षेत्र में बड़े मुकाम हासिल किए हैं. महिलाएं आज सिर्फ राजनीति और उद्यमों में ही नहीं, बल्कि सेना में भी ऊंचाईयां हासिल कर रहीं हैं. रीवा में शहीद पति के सपनों को पूरा करने के लिए वीर नारी रेखा सिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है. 29 अप्रैल को रेखा सिंह पासिंग परेड में शामिल होंगी. लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना से हुई झड़प में लांस नायक दीपक सिंह शहीद हो गए थे. शहीद दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
रीवा जिले के शहीद लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है. भारतीय सेना के जांबाज सैनिक के रूप में 15 जून 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के धोखे से किए गए हमले का जोरदार मुकाबला किया. उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ कड़ा मुकाबला करते हुए अपने साथियों के साथ चीनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था. लेकिन इस संघर्ष में दीपक सिंह मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे.
पति की शहादत से जन्मा देशभक्ति का जज्बा
लांस नायक दीपक सिंह शहादत से परिवार के साथ ही पत्नी रेखा पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा था. शादी को महज 15 महीनें ही हुए थे कि रेखा सिंह ने अपने पति को खो दिया. लांस नायक दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया है. पति की शहादत गम और गुस्से मे देशभक्ति का ऐसा जज्बा जगा की रेखा सिंह ने शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर सेना में अफसर बनाने का सपना सजो लिया.
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पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता
रेखा सिंह के लिए यह राह आसान नहीं थी. नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और प्रशिक्षण प्राप्त किया. रेखा ने फिजिकल ट्रेनिंग ली बावजूद इसके प्रथम प्रयास में सफलता नहीं मिली. रेखा ने हिम्मत नहीं हारी सेना में जाने की पूरी तैयारी करती रही. रेखा ने दूसरा प्रयास किया जिसमे मेहनत रंग लाई और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है. रेखा एक साल का प्रशिक्षण पूरी कर चुकी हैं. भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू हुआ था. 29 अप्रैल को रेखा पासिंग परेड़ में शामिल होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देंगी.
पति का सपना पूरा करने केे लिए छोड़ स्कूल टीचर की नौकरी
शादी से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थीं. उच्च शिक्षा प्राप्त रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे. विवाह के बाद उनके पति शहीद दीपक सिंह ने अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था. रेखा सिंह ने पति की शहादत के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया. इसमें मायके और ससुराल के परिवारजनों ने पूरा सहयोग किया. रेखा सिंह को मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दी गई. उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना शिक्षकीय दायित्व निभाया. लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा लगातार बनी रही. रेखा सिंह ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की. रेखा सिंह को रीवा जिला प्रशासन तथा जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने सेना में चयन के संबंध में उचित मार्गदर्शन और संवेदनशीलता से सहयोग दिया. रेखा सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत से काम लेकर और कठिनाईयों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण से परिस्थिति का सामना करते हुए अप्रतिम उपलब्धि हासिल की. उन्होंने पति दीपक सिंह के उन्हें अधिकारी बनाने के सपने को पूरा किया.
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