MP NEWS: मध्यप्रदेश का माधव नेशनल पार्क बाघों को 27 साल बाद फिर से बसाने की तैयारी में लगा हुआ है. स्व. माधवराव सिंधिया की जयंती पर बीते 10 मार्च को दो बाघ यहां छोड़े गए थे, जिनमें एक मादा थी और दूसरा नर बाघ. इस जोड़े के साथ एक अन्य बाघिन भी छोड़ी जानी थी, जिसे पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से लाया जाना था. लेकिन उद्यान प्रबंधन उस समय बाघिन को रेसक्यू नहीं कर पाया था. लेकिन अब उसे रेसक्यू कर शिवपुरी ले आया गया है और अब उसे भी बाघ के जोड़े के बीच माधव नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा. इस प्रकार 27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में 3 बाघों की दहाड़ सुनाई देना शुरू हो गई है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि १० मार्च को तीन बाघ छोड़े जाने थे,लेकिन पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से आने वाली मादा बाघिन पिंजरे से निकलकर भाग गई थी. इसे बाद में फिर पार्क के कर्मियों ने पकड़ा और शिवपुरी भेज दिया है. यह बाघिन अब बाड़े में छोड़ी जाएगी. बीते 10 मार्च को माधव नेशनल पार्क में दो बाघ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़े थे.
बाघों को रिलीज करते समय बीते 10 मार्च को सीएम और सिंधिया के अलावा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, वन मंत्री विजय शाह, सांसद केपी यादव, पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के साथ ही सिंधिया के बेटे महाआर्यमन और पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया भी नेशनल पार्क में मौजूद थीं.
10 से 15 दिन की निगरानी में रहेंगे तीनों बाघ
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीनों बाघ और बाघिन को 10 से 15 दिन की निगरानी में रखा जाएगा. जब ये तीनों आपस में घुल-मिल जाएंगे और यहां के माहौल के अनुकूल हो जाएंगे, तब इनको बाड़े से निकालकर जंगल में छोड़ दिया जाएगा. लेकिन 10 से 15 दिन का वक्त तो इसमें लगेगा. इन पर ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है. शिफ्टों में वन कर्मियों द्वारा बाघों की हर गतिविधि को मोनीटर किया जा रहा है. वन मंत्री विजय शाह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के तहत माधव नेशनल पार्क में 5 टाइगर लेकर आने हैं, जिसमें से अब तक 3 आ चुके हैं. इनके व्यवहार को देखने के बाद शेष 2 टाइगर भी जल्द लेकर आएंगे.