Shivpuri news: माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद फिर बाघों की दहाड़ सुनाई देगी. माधव नेशनल पार्क में 3 बाघों को शिफ्ट किया जा रहा हैं. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी में बाघों के शिफ्ट किए जाने की तारीख़ के बारे में बताया है. ग्वालियर दौरे पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा 10 मार्च को प्रोग्राम फाइनल किया गया है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में टाइगर छोड़े जाएंगे. टाइगर्स को फिर से पार्क में स्थापित करना चुनौतीपूर्ण है. इसमें किसी तरह की चूक न हो इसलिए पार्क प्रबंधन द्वारा पन्ना मॉडल को अपनाया जा रहा है क्योंकि पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक पुनर्स्थापित किया जा चुका है. इनमें 3 टाइगर, जिनमे से दो नर और एक मादा टाइगर छोड़े जाएंगे, सिधिंया ने कहा ये हमारे लिए ऐतिहासिक दिन होगा, जब 27 साल बाद शिवपुरी में टाइगर की दहाड़ सुनाई देगी.
27 साल बाद सुनाई देगी बाघों की दहाड़
शिवपुरी में सन 1958 में माधव नेशनल पार्क बनाया गया था. करीब 354 वर्ग किलोमीटर में फैले इस नेशनल पार्क में शुरुआती वक्त में बाघ थे. लेकिन धीरे धीरे सब खत्म हो गए और करीब बीते 27 साल से इस पार्क में बाघ नहीं थे. नेशनल पार्क में 27 साल बाद एक बार फिर से टाइगर की दहाड़ सुनने को मिलेगी. माधव नेशनल पार्क में वर्ष 1990-91 तक काफी संख्या में टाइगर मौजूद थे. लेकिन अंतिम बार 1996 मे यहा टाइगर देखा गया था. अब एक बार फ़िर से माधव नेशनल पार्क बाघों से आबाद होने जा रहा है. पहले चरण में 3 बाघों को शिफ्ट किया जाएगा. माधव नेशनल पार्क में पहले चरण में आने वाले 3 बाघों को फ्री रेंज में रखा जाएगा. यानि कि टाइगरों को पिंजरे में कैद न करते हुए खुले बाड़े में रखा जाएगा. यहां पर इन बाघों मोनिटरिंग भी की जाएगी.
पहले से मौजूद है कई वन्य जीव
356वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा में फैले इस माधव नेशनल पार्क में विभिन्न प्रजाति के वन्य जीव पहले से ही मौजूद हैं. इनमें तेंदुए,भालू,जंगली सुअर,चिंकारा,चीतल,सांभर,चौसिंगा,नीलगाय हैं.उद्यान के बीच में बनी चंदपाठा झील में मगर और अनेक प्रकार के जलीय जीव भी हैं. आने वाले दिनो दिनों टाइगर आने से यहां पर पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा होने की उम्मीद है.
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