मुरैना हत्याकांड: मदद मांगने पहुंचे थे मृतकों के परिजन, लेकिन आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी

Morena Massacre: मुरैना जिले के लेपा गांव में हुई दर्दनाक वारदात के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस घटना में जान गंवाने वाले 6 लोगों के परिजनों ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं. आरोप है कि घटना के बाद गजेंद्र सिंह के परिवार के लोग पुलिस थाने गए थे और मदद मांगी थी, […]

Morena massacre Police accused of negligence, Morena Crime news
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Morena Massacre: मुरैना जिले के लेपा गांव में हुई दर्दनाक वारदात के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस घटना में जान गंवाने वाले 6 लोगों के परिजनों ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं. आरोप है कि घटना के बाद गजेंद्र सिंह के परिवार के लोग पुलिस थाने गए थे और मदद मांगी थी, लेकिन उस वक्त पुलिसकर्मी उल्टा चिल्लाने लगे और आराम फरमाते रहे. परिजनों ने इसका वीडियो भी बनाया है.

मृतकों के परिजनों का कहना है कि वह गांव में आने से पहले वे सिहोनिया थाने गए थे, लेकिन वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं मिला. घटना के बाद भी उनके परिवार के सदस्य थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने वहां लापरवाही दिखाई और समय पर उनकी सुनवाई नहीं की. इसके बाद गजेंद्र का परिवार कुछ मीडियाकर्मी के साथ में गांव बिना पुलिस के पहुंच गए. गांव में पहुंचने के बाद विरोधियों ने हमला कर दिया, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई.

आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी
घटना के बाद भी मृतकों के परिजन पर्वत सिंह सिहोनिया थाने मदद मांगने के लिए पहुंचे, उन्होंने मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. मृतकों के एक परिजन ने पुलिसकर्मी का वीडियो भी बनाया है, जिसमें पुलिसकर्मी लापरवाही के साथ चिल्लाता हुआ नजर आ रहा हैृ. वीडियो में पुलिसकर्मी पर्वत सिंह की सुनवाई करने की बजाय आराम से बैठे हुए नजर आ रहे हैं. एक पुलिसकर्मी ने तो यहां तक कह दिया कि इस थाने में 50 लोगों का स्टाफ नहीं है बस 10 लोगों का स्टाफ है.

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एसपी ने नकारे आरोप
मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह ने पुलिस पर लगे हुए सभी आरोपों को नकार दिया है. एसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि गोलीबारी हो रही थी इसलिए उचित बल के साथ ही मौके पर पहुंचना रहता है. 15 मिनट का समय बल को इकट्ठा करने में लगा और 15 मिनट का समय घटनास्थल पर पहुंचने में लगा था. एसपी ने कहा कि तत्काल घायलों को अस्पताल भेज दिया गया था, जहां तक आरक्षक द्वारा अभद्रता करने की बात है तो उसमें लोगों के मरने की बात कही गई है वह किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कही गई है. आरक्षक का लहजा गलत हो सकता है, लेकिन हमें यह ध्यान रखना होता है कि उचित बल के साथी हमें मौके पर पहुंचना होता है.

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पहले नहीं दी थी कोई सूचना
मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इसमें रिकॉर्डिंग भी हुई है. हमने भी एनालिसिस किया है. एसपी का कहना है कि कल मृतक की पत्नी ने भी यह स्वीकार किया था कि वहां जाने से पहले उन्होंने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी. जब यह घटना हुई है तब 9:46 के आसपास कुछ लोग थाने पर आए थे, उन्होंने जब पुलिस को सूचना दी गोलीबारी जैसी घटना में कम बल के साथ जाना उचित नहीं था. 10-15 मिनट का समय बल को इकट्ठा करने में लगा उसके बाद बल तुरंत रवाना हो गया.

10 साल पुरानी रंजिश का बदला
आपको बता दें कि शुक्रवार को मुरैना जिले के लेपा गांव में पुरानी रंजिश के चलते 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. ये विवाद 10 साल पुराना था. एक जमीनी विवाद को लेकर दो परिवारों में रंजिश थी, जिसकी चलते 10 साल पहले धीर सिंह तोमर के परिवार के 2 लोगों की हत्याएं की गईं थीं, बदला लेने के लिए अब धीर सिंह तोमर के परिवार ने गजेंद्र सिंह तोमर के परिवार के 6 लोगों पर गोलीबारी कर हत्या कर दी.

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