कैलाश विजयवर्गीय की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? नामांकन फॉर्म में रेप केस समेत ये मामले छिपाने का आरोप
MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर को प्रदेश के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने नामांकन जमा कर दिए हैं. इस दौरान इंदौर की हाईप्रोफाइल सीट इंदौर-1 से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने भी नामांकन दाखिल किया था. इस नामांकन फॉर्म के बाद अब कैलाश की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. […]

MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर को प्रदेश के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने नामांकन जमा कर दिए हैं. इस दौरान इंदौर की हाईप्रोफाइल सीट इंदौर-1 से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने भी नामांकन दाखिल किया था. इस नामांकन फॉर्म के बाद अब कैलाश की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. क्योंकि विजयवर्गीय ने नामांकन में छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है. जिसके बाद कांग्रेस अब कांग्रेस उन्हें घेरने की तैयारी करती नजर आ रही है.
कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के एडवोकेट सौरभ मिश्रा के मुताबिक विजयवर्गीय ने ना तो छत्तीसगढ़ के प्रकरण में जानकारी और न ही बंगाल में दर्ज मामलों के बारे मे बताया है. एडवोकेट मिश्रा के मुताबिक विजयवर्गीय के मामले में सुप्रीट कोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत है, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में उन्हें जमानत न देते हुए पुनर्विचार के लिए रखा है. मतलब वह केस आज भी पेंडिंग है, कैलाश विजयवर्गीय को भी भली भांति जानकारी थी. उसके बावजूद कैलाश विजयवर्गीय ने अपने चुनावी शपथ पत्र में उसे केस का जिक्र नहीं किया.
विजयवर्गीय को बदनामी का डर- अधिवक्ता
अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया, “BJP कैलाश विजयवर्गी ने कई गंभीर केस को अपने नामांकन पत्र में छुपाए हैं. जिससे उनकी बदनामी हो सकती है. क्योंकि आज जनता आसानी से शपथ पत्र को मोबाइल पर डाउनलोड कर सकती है. अपनी छवि को खराब होने से बचाने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने इस तरह के मामले छुपाए हैं. जिसकी शिकायत लिखित में चुनाव आयोग से की गई है.
इस पूरे मामले पर रिटर्निंग ऑफिसर का कहना है कि “मैं नॉमिनेशन को रिजेक्ट करने में सक्षम नहीं हूं. इसलिए आपको 125 के तहत अपील करना पड़ेगी. अधिवक्ता ने कहा कि इस पूरे प्रकरण कि हम अपील करेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगें.
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डर्टी पालिटिक्स मत करो- विजयवर्गीय
‘मैंने सात चुनाव लड़े हैं – छह विधानसभा चुनाव और एक महापौर, कोई केस लेकर नहीं आया, अब मेरा फॉर्म कैंसिल कराने के लिए आए हैं. भाई, निष्पक्ष राजनीति खेलो, आमने-सामने मुकाबला करो. मैं निष्पक्ष राजनीति करता हूं. मैं गंदी राजनीति में शामिल नहीं होता. मैंने हमेशा विकास की राजनीति का समर्थन किया है जो शहर के पक्ष में हो’
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