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अक्षय कांति बम को लेकर फिर शुरू हो गई एक और कंट्रोवर्सी, बीजेपी नेताओं पर उठने लगे हैं सवाल

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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The attempt to murder charge against Akshay Kanti Bamb was added on the directions of an Indore court.
Akshay Kanti Bamb
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Akshay Kanti New Controversy: अक्षय कांति बम के नाम पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.अब अक्षय कांति बम को लेकर एक और नई कंट्रोवर्सी सामने आ गई है. जिसके बाद अब बीजेपी नेताओं पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. इन्दौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहे और वर्तमान में भाजपा नेता अक्षय बम और उनके पिता कांति बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है.

दोनों को पहले से चले आ रहे जमीन विवाद के प्रकरण में कोर्ट में पेश होना था लेकिन वे नहीं हुए. इस मामले में धारा 307 को बढ़ाने को लेकर सुनवाई होना थी. लेकिन दोनों पिता-पुत्र के पेश न होने की वजह से कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था. लेकिन वारंट अब तक थाने नहीं पहुंचा है और वारंट नहीं पहुंचने की वजह से दोनों पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर रही है.

शासकीय अधिवक्ता अभिजीत सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया न्यायालय के समक्ष पेश नहीं होने पर पिता पुत्र के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. वारंट कोर्ट के मुंशी ने थाने के मुंशी को दे दिया है. कोर्ट से वारंट निकल गया है. लेकिन थाना प्रभारी सृजित श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पास वारंट नहीं पहुंचा है. ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि अक्षय कांति बम के खिलाफ जारी किया गया कोर्ट का वारंट थाने तक नहीं पहुंच पा रहा है.

बीजेपी पर खड़े हो रहे सवाल

इस बीच अक्षय कांति बम ने जिला  न्यायालय में एक रि-पीटीशन लगाई है. जिसमे धारा 307 को चेलेंज किया गया है. ऐसे में बीजेपी के उन नेताओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिन्होंने अक्षय कांति बम को बीजेपी में शामिल कराने में मदद की. इसमें सबसे बड़ा नाम बीजेपी के दिग्गज कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का है. कैलाश विजयवर्गीय शुरू से अक्षय कांति बम के संपर्क में रहे. जब अक्षय कांति बम ने नामांकन फॉर्म वापस लिया, तब उनको साथ लेकर कलेक्ट्रेट जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय ही थे और उसके बाद गाड़ी में बैठकर सेल्फी डालने वाले भी कैलाश विजयवर्गीय थे.

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जब कोर्ट गिरफ्तारी वारंट जारी कर रहा था, उस समय भी अक्षय कांति बम कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही चुनाव प्रचार कर रहे थे. ऐसे में अभी भी ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कोर्ट से निकला गिरफ्तारी वारंट यदि थाने तक नहीं पहुंच पा रहा है तो क्या इसमें भी कैलाश विजयवर्गीय पीछे से कोई मदद कर रहे हैं. इन सब मामलों को लेकर कैलाश विजयवर्गीय सवालों के घेरे में हैं.

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