इंदौर में अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट, बीजेपी में आने के बाद भी कानून से नहीं बच सके
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Indore Lok Sabha Seat: इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन वापस लेने और फिर बीजेपी में शामिल होने वाले अक्षय कांति बम पर कानून का बम फूटा है. कोर्ट ने अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. 17 साल पुराने जमीन विवाद मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इस मामले में अक्षय कांति बम और उनके पिता कांति बम को कोर्ट में पेश होना था लेकिन दोनों ही पेश नहीं हो सके, जिसकी वजह से कोर्ट ने 8 जुलाई तक दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
12 दिन पहले अक्षय कांति बम कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. एक नाटकीय घटनाक्रम में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन वापस ले लिया था. इस पूरे घटनाक्रम में बीजेपी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रमुख भूमिका रही. उस वक्त कहा जा रहा था कि अक्षय कांति बम ने इसी कोर्ट केस के दबाव में आकर नामांकन वापस लेने और बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया था. अक्षय कांति ने इस आरोप को खारिज किया था. लेकिन अब इसी कोर्ट केस में उनके और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो ही गया.
2007 में यह जमीन विवाद सामने आया था. खजराना के युनूस पटेल से अक्षय और कांति बम का जमीन विवाद हुआ था. उस दौरान काफी बलवा, पथराव सब हुआ था. इसी केस में पिछली पेशी में दोनों पिता-पुत्र के खिलाफ धारा 307 बढ़ा दी गई थी. अब इस मामले में दोनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश होना था लेकिन दोनों ही कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके बाद अक्षय और कांति बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गए.
कोर्ट में पेश होने से मांगी थी राहत
अक्षय बम और कांति बम के वकीलों ने कोर्ट में दोनों की तरफ से कोर्ट में हाजिरी से राहत मांगी थी. अक्षय बम ने सामाजिक कार्यक्रमों में व्यस्त होने और उनके पिता ने बीमार होने व बेड रेस्ट को कारण बताकर हाजिरी से छूट मांगी थी लेकिन कोर्ट ने आरोपियों की इस मांग को खारिज कर दिया और दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. अब पुलिस को हर हाल में 8 जुलाई तक दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना होगा. इस प्रकार अक्षय कांति बम को बीजेपी में आने से फिलहाल कोई लाभ मिलता हुआ नहीं दिख रहा है और कानून अपना काम कर रहा है.
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