बालाघाट केस में कांग्रेस का बड़ा हमला, मुख्य सचिव को बता दिया BJP का एजेंट, क्या है पूरा मामला?
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![बालाघाट केस में कांग्रेस का बड़ा हमला, मुख्य सचिव को बता दिया BJP का एजेंट, क्या है पूरा मामला? govind singh called Chief Secretary agent of BJP, Balaghat EVM viral video case, MP Election 2023](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202311/untitled-design-2023-11-28t140635.919-768x432.jpg?size=948:533)
MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Chunav) की वोटिंग हो चुकी है. प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला EVM में कैद है. लेकिन नतीजों से पहले बालाघाट (Balaghat) से सामने आए वीडियो से बवाल मचा हुआ है. इस वीडियो के सामने आने के बाद EVM और मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं. अब कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Govind Singh) ने इस मामले में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर बड़ा आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष ने इकबाल सिंह बैंस को बीजेपी का एजेंट बताते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.
ये है पूरा मामला
इस मामले की शुरुआत बालाघाट के स्ट्रॉन्ग रूम से एक वीडियो सामने आने के बाद हुई. वीडियो में नोडल अधिकारी स्ट्रॉन्ग रूप में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करते हुए दिख रहे हैं. जिसके बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से शिकायत थी. कांग्रेस ने इस काम में बालाघाट में पोस्टल बैलेट पेपर नोडल अधिकारी और स्थानीय विधायक बिसेन की मिली भगत का आरोप लगाया था.
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गोविंद सिंह ने लगाए आरोप
बालाघाट में मतपत्र में गड़बड़ी के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा, “अकेले बालाघाट ही नहीं, बल्कि समूचे मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के इशारे पर जिला कलेक्टरों और अधिकारियों ने मतपत्रों में गड़बड़ी की है. इकबाल सिंह बैंस को तत्काल मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के पद से हटाया जाए. मैंने पहले भी कहा था कि इकबाल सिंह बैंस होंगे तो चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा. भाजपा के एजेंट के तौर पर इन्होंने काम किया है. अगर ये मतगणना में रहते हैं तो निश्चित तौर पर गड़बड़ी कराएंगे. इसलिए निर्वाचन आयोग से अनुरोध है कि इनको हटाया जाए. नीचे से ऊपर तक सरकार के इशारे पर ये काम हुआ है.”
किसके आदेश पर सील टूटी?
गोविंद सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘मेरी विधानसभा क्षेत्र लहार में ही 11 नवंबर को कम से कम 600 कर्मचारी, जिनकी बसें किराए पर ली गईं थीं, उन्हें मतदान से वंचित किया गया. जबकि उन्होंने अपने आवेदन फॉर्म भरे थे. जिला निर्वाचन अधिकारियों को पता ही नहीं था 15 नवंबर तक कि मतपत्र कहां रखे गए हैं. हमारी शिकायत पर ढूंढे गए. वो सीलबंद पेटी में मंत्रालय गए थे, तो किसके आदेश पर सील टूटी. इसकी भी शिकायत हमारे कार्यकर्ता ने की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.’
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नोडल अधिकारी सस्पेंड
मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर निर्वाचन गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर निलंबन की मांग की थी. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इसे कन्फ्यूजन बताते हुए मामला क्लीयर होने का दावा किया है. उधर चुनाव आयोग ने पूरे मामले में एक निर्वाचन सहायक नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित कर दिया है.
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कलेक्टर ने दी सफाई, बताया पूरा मामला
कलेक्टर ने इस मामले पर सफाई देते हुए बताया कि यहां नियमानुसार डाक मतपत्रों की विधानसभावार छंटनी की जा रही थी. इस दौरान ग़लतफ़हमी में कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन जानकारी स्पष्ट होते ही उन्हें भी यह ज्ञात हो गया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ही कार्य किया जा रहा है.
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