भोपाल की इस सीट पर 33 सालों से है शेर-ए-भोपाल का राज, क्या ‘अकील’ पर भारी पड़ेंगे BJP के ‘आलोक’
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति का हॉट जोन कही जाने वाली भोपाल की सातों विधानसभा सीटों पर मुकाबले की तस्वीर साफ हो चुकी है. यहां मुकाबला बड़ा दिलचस्प नजर आ रहा है. भोपाल की हाईप्रोफाइल कही जाने वाली भोपाल उत्तर विधानसभा (Bhopal Uttar Vidhansabha) में इस बार टफ फाइट है. कांग्रेस ने आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील (Atif aqueel) को टिकट दिया है, तो वहीं बीजेपी ने भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है.
भोपाल उत्तर विधानसभा अक्सर सुर्खियों में रहती है. उत्तर विधानसभा क्षेत्र में करीब 2 लाख 37 हजार 717 वोटर्स हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित होते हैं. भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में करीब 35 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं. इस वर्ग में अकील की मजबूत पैठ है. वहीं अगर भाजपा की बात करें तो आलोक शर्मा यहां के स्थानीय प्रत्याशी हैं. वे लंबे समय से भोपाल उत्तर में सक्रिय हैं.
इस बार अलग हैं समीकरण
इस बार आरिफ अकील ने बढ़ती उम्र के चलते चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके बेटे आतिफ अकील को टिकट दिया गया है. हालांकि अकील के परिवार के कुछ लोग पहले ही आतिफ को टिकट देने का विरोध कर रहे थे. आतिफ का मुकाबला पूर्व महापौर आलोक शर्मा से होगा. आलोक शर्मा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वे भोपाल के महापौर रहे हैं. भोपाल उत्तर के स्थानीय प्रत्याशी हैं आलोक शर्मा. ऐसे में उनकी इस इलाके में मजबूत पकड़ है. वे लंबे समय से भोपाल उत्तर विधानसभा में सक्रिय हैं. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर नासिर इस्लाम ने कांग्रेस से बगावत कर दी है. वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं, जिसका नुकसान अकील को भुगतना पड़ सकता है. इस वजह से समीकरण बदल सकते हैं. माना जा रहा है कि आलोक शर्मा अकील को टक्कर दे रहे हैं और इस बार बाजी पलट सकती है.
अकील की खासियत
आरिफ अकील सबसे 1990 में विधायक बने थे. तब से आरिफ अकील इसी क्षेत्र से 6 बार विधायक रहे हैं. वे कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. इतने सालों तक विधायक रहने के बावजूद आरिफ अकील की इस क्षेत्र में जबरदस्त लोकप्रियता देखने को मिलती है, उन्हें शेर ए भोपाल कहा जाता है. 2018 के विधासनभा चुनाव में आरिफ अकील ने भाजपा की फातिमा रसूल सिद्दीकी को 34 हजार 897 वोटों से हराया था. अकील के बारे में चर्चित है कि जब कोई उनके पास मदद मांगने आता है तो वे बीजेपी या कांग्रेस नहीं देखते, हमेशा तत्पर रहते हैं. शायद यही वजह है कि इस सीट पर अकील का दबदबा रहा है. हालांकि आरिफ अकील की तरह, उनके बेटे आतिफ अकील भी क्या लोगों की पसंद बन पाते हैं, ये आने वाला वक्त ही बताएगा.
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