छिंदवाड़ा में वोटिंग करीब आते ही जुबानी जंग शुरू, सीएम मोहन के बयान पर कमलनाथ ने ऐसे किया पलटवार
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Chhindwara Loksabha Seat: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतना अपना फोकश बना लिया है. यही कारण है कि वहां कांग्रेस में सेंधमारी के साथ ही आए दिन सीएम मोहन यादव खुद दौरा कर रहे हैं. बीते दिन पांढुर्ना पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस और नाथ परिवार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने एक ही परिवार से बार-बार सांसद बनाकर क्षेत्र का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि इस बार हम सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि हमारा सांसद बन सके.
सीएम मोहन यादव ने नाथ परिवार पर हमला बोलते हुए कहा 'जिन्होंने जिंदगी भर आदिवासियों को अपने हित के लिए यूज किया. यहां के स्थानीय निवासी को आजतक सांसद तक नहीं बनाया. कोई एक काम बता दो जो सांसद रहते हुए किया है, ये समाज पूछना चाहता है? जनता दिल से वोट देती है ताकि आप अच्छे काम करो. उन्होंने कहा कि 'अब बसंत की नई ऋतु में छिंदवाड़ा का माहौल बदला है. इस बार आप सभी के आशीर्वाद से छिंदवाड़ा का बेटा बंटी विवेक साहू दिल्ली पहुंचेगा. जिससे आपका-हमारा सबका गौरव बढ़ेगा.
छिंदवाड़ा को वोट की मशीन बना दिया
डॉ यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा को वोट की मशीन बना दिया है. उन्होंने सवाल किया कि गरीब आदमी के घर में नल जल क्यों नहीं होना चाहिए? गरीब आदमी का बच्चा पढ़ लिख कर डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, ऑफिसर क्यों नहीं बनना चाहिए ? आप इन्हें केवल वोट लेने की मशीन बनाना चाहते हो?
कमलेश शाह जी ने जैसे ही भाजपा में जाने का सोचा.. उन्होंने बड़े सम्मान से बोला कि मैं कमलनाथ जी का सम्मान करता हूं, लेकिन उनके परिवार वाले कह रहे हैं, ये गद्दार है, बिकाऊ है. आदिवासी समाज इसलिए है कि आप गाली बकोगे? कोई भी माफ नहीं करेगा.. जो गाली देगा हमारे पास उसका इलाज है. आने वाली 19 तारीख को आपके हाथ में जो सुदर्शन चक्र है, केवल उस सुदर्शन चक्र का उपयोग करना है.
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कमल नाथ ने कहा-कोई मुझ पर अंगुली नहीं उठा सकता
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शनिवार को सौंसर में सभा की, उन्होंने कहा कि कि केंद्र और राज्य की सरकार किसकी है. किसकी रहेगी, इसकी चिंता आप लोग छोड़ दीजिए, क्योंकि काम कराने की जिम्मेदारी मेरी है. मैंने सभी कार्य निष्पक्ष ढंग से किए हैं. इसलिए मुझ पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता.
मेरे साथ रेत, शराब और ठेकेदार नहीं जुड़ा, इसलिए तो कहता हूं कि मेरे छिंदवाड़ा परिवार के सदस्य अपनी छाती ठोककर कहीं भी जाकर कह सकते हैं कि हम छिंदवाड़ा से हैं. आप लोगों को सिर झुकाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. नाथ ने कहा कि सच्चाई आप सभी के सामने है। सच्चाई का साथ दीजिएगा.
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एकतरफा नहीं रहने वाला मुकाबला
छिंदवाड़ा की राजनीति को करीब से देखने और समझने वाले भी मानते हैं कि इस बार कमलनाथ या कांग्रेस के लिए छिंदवाड़ा में मुकाबला एकतरफा नहीं रहने वाला है. नकुलनाथ 2019 में सांसद बने ज़रूर लेकिन उनकी जीत का अंतर महज़ 37 हजार 536 मतों का रहा था. वहीं, कमलनाथ भी सिर्फ 25 हज़ार वोटों से ही विधानसभा का उपचुनाव जीत पाए थे. 2023 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ 36,594 वोटों से जीते. इससे इतना तो साफ हो गया कि नाथ परिवार को अपने ही गढ़ में कड़ी टक्कर मिल रही है.
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