Guna-Shivpuri Seat: कौन हैं राव यादवेंद्र सिंह यादव? जिन्हें कांग्रेस ने सिंधिया के खिलाफ मैदान में उतारा

अमन तिवारी

ADVERTISEMENT

rao-yadvendra-singh-yadav
rao-yadvendra-singh-yadav
social share
google news

Guna Loksabha seat Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सबसे हाई प्रोफाइल सीट गुना के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है. गुना सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पार्टी ने राव यादवेंद्र सिंह यावद को टिकट दिया है. कांग्रेस ने यादव वोटों पर सेंध लगाने के लिए यह दांव खेला है. पिछले चुनाव की बात करें तो यहां से बीजेपी ने केपी यादव को टिकट दिया था और उनके सामने कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया थे. उस चुनाव में सिंधिया परिवार को पहली बार इस सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा था. यही कारण है कि इस बार कांग्रेस ने यादव प्रत्याशी पर दांव लगाया है. 

राव यादवेंद्र सिंह यादव राजनीति में कोई नए खिलाड़ी नहीं हैं, उनके परिवार में कई लोग सक्रिय राजनीति करते चले आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव के पहले जब उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. तब उनका काफिला न सिर्फ गुना-शिवपुरी में चर्चा विषय बना था, बल्कि प्रदेश भर में उनके काफिले की चर्चांए थी, राजनीतिक जानकार बताते हैं कि उनका बीजेपी छोड़ने का एक बड़ा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया ही थे. 

कौन हैं राव यादवेंद्र सिंह

राव यादवेंद्र सिंह के जरिए कांग्रेस ने यादव वोटों पर सेंध लगाने के लिए एक मजबूत दांव खेला है. राव यादवेंद्र सिंह अशोक नगर जिले से आते हैं. वह फिलहाल जिला पंचायत सदस्य हैं. राव यादवेंद्र सिंह पहले बीजेपी में ही शामिल थे. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उनके स्वर्गीय पिता देशराज सिंह यादव बीजेपी के विधायक रह चुके हैं. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

राव यादवेंद्र सिंह की पत्नि जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं. इसके अलावा, उनके पिता दो बार गुना लोकसभा सीट से सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने उन्हें मुंगावली विधानसभा सीट से टिकट दिया था. लेकिन उन्हें बीजेपी के बृजेंद्र सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था.

पहली बार मिली थी सिंधिया घराने को इस सीट पर हार

मध्यप्रदेश की इस बेहद हाईप्रोफाइल गुना लोकसभा सीट को सिंधिया राजपरिवार का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन 2014 का चुनाव 1 लाख 20 हजार 792 वोटों से जीतने  वाले कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में BJP प्रत्याशी डॉ. केपी यादव ने 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से हरा दिया था. 14 बार लगातार अजेय रहने वाले सिंधिया राजपरिवार के किसी प्रत्याशी की गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में यह पहली हार थी. हैरानी की बात यह थी कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे और सिंधिया के खास लोगों में शुमार थे.

क्या है गुना लोकसभा सीट का तानाबाना?

गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. गुना, बमोरी, शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर. आठों विधानसभाओं में 18 लाख से ज्यादा वोटर हैं. लोकसभा क्षेत्र का दायरा भी काफी बड़ा है. मतदाताओं तक पहुंचने के लिए किसी भी कैंडिडेट को पर्याप्त समय जरूरी है. 2019 के आम चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 4,88,500 यानी 41.89% वोट हासिल किये थे. हालांकि, उन्हें केपी यादव ने चुनाव हरा दिया था. 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT