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'मुझे बनाया जाए कांग्रेस प्रत्याशी...', अक्षय बम के मैदान छोड़ने पर सामने आए इस कैंडिडेट ने खोल दिया मोर्चा

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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सब्सीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह पटेल ने खोल दिया मोर्चा
सब्सीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह पटेल ने खोल दिया मोर्चा
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MP Loksabha Election 2024: सोमवार का दिन देश की राजनीति में बड़ा ही उथल-पुथल वाला रहा. कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) ने अपना नाम वापस ले लिया और सीधे भाजपा में शामिल हो गए. अक्षय बम के इस कदम के बाद जहां कांग्रेस द्वारा विरोध किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के सब्सीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह पटेल (Moti Singh Patel) ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने  इंदौर (Indore) हाई कोर्ट  में अपना नामांकन रद्द करने को लेकर याचिका दायर की है.

कांग्रेस प्रत्याशी के सब्सीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह पटेल इंदौर हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं. मोती सिंह पटेल का कहना है कि कांग्रेस ने जो भी फॉर्म जारी किया था, उसमें अप्रूव्ड कैंडिडेट अक्षय बम का नाम था और उसका सब्सीट्यूट कैंडिडेट में मोती सिंह का नाम था. कानून यह कहता है कि यदि मुख्य कैंडिडेट अपना नाम वापस ले लेता है, तो उसकी जगह सब्सीट्यूट कैंडिडेट का नाम मंजूर किया जाना चाहिए, लेकिन जिला निर्वाचन द्वारा सब्सीट्यूट प्रत्याशी मोती सिंह पटेल का नामांकन पहले ही रद्द कर दिया था.

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आज होगी सुनवाई

सब्सीट्यूट प्रत्याशी मोती सिंह पटेल का नामांकन पहले ही रद्द कर दिया, जिसे लेकर इंदौर हाई कोर्ट में कांग्रेस प्रत्याशी के सब्सीट्यूट कैंडिडेट द्वारा हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है. अब इसे लेकर जल्द फैसला आने वाला है. वही सब्सीट्यूट प्रत्याशी मोती सिंह पटेल का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना चुनावी नामंकन जैसे ही वापस लिया तो मेरे द्वारा  हाई कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर की जिसकी सुनवाई मंगलवार को होना है.

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मुझे कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाए- मोती सिंह पटेल

सब्सीट्यूट प्रत्याशी मोती सिंह पटेल ने कहा कि अगर एक उम्मीदवार का नामांकन निरस्त हो जाता है, तो स्वतः ही दूसरा नाम सफल होता है और उसको सिम्बल मिलना चाहिए. लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने अक्षय बम का फॉर्म जैसे ही निकला, मेरा फार्म निरस्त कर दिया. मैंने ये इसी आधार को कानून का आधार को बन मानते हुए हाई कोर्ट में पिटीशन लगाई है, ताकि मुझे कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया जाए और मुझे कांग्रेस का सिम्बल दिया जाए.

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संविधान में ये लिखा, लेकिन....

मोती सिंह पटेल का कहना है कि हमारे द्वारा यह तर्क रखा गया था कि हमारा देश कानून से चलता है संविधान से चलता है. उन्होंने कहा कि "संविधान में लिखा है नामांकन वापसी की अंतिम तिथि, अंतिम समय तक सब्सीट्यूट फार्म में डमी माना जायेगा. लेकिन उसके पहले ही मेरा फार्म निरस्त कर दिया था,  जिसका कोई कारण नहीं है." अब आज इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होना है.

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