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MP की राजनीति का ‘हॉट जोन’ भोपाल की ये 7 विधानसभा सीटें, किसके बीच हो सकता है मुकाबला? समझें सबकुछ

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं. भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress)  दोनों ही पार्टियां पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतर रही हैं. भोपाल (Bhopal) मध्य प्रदेश की राजधानी है और राजनीति का ‘हॉट जोन’ मानी जाती है. यहां की सातों विधानसभा सीटें एमपी की सियासत के लिहाज से बहुत अहम हैं. भोपाल की 2 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जिसके बाद से ही बाकी की सीटों को लेकर उम्मीदवारों के नाम की चर्चाएं होने लगी हैं. भाजपा के साथ ही कांग्रेस के दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं. आइए समझते हैं कि भोपाल की सातों विधानसभा सीटों (Bhopal Vidhan sabha) के सियासी समीकरण कैसे हैं.

भोपाल में कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नरेला, हुजूर, बैरसिया, गोविंदपुरा, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम शामिल हैं. 2018 में कुल सात सीटों में से 4 सीटों पर भाजपा तो वहीं 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. देखते हैं कि इस बार कौन चुनावी मैदान में उतर सकता है और किस सीट पर सबसे ज्यादा टक्कर देखने को मिलेगी. सातों सीटों का पूरा राजनीतिक समीकरण इस प्रकार है.

नरेला विधानसभा

नरेला (Narela) से भाजपा नेता और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग विधायक हैं. 2008 में नरेला विधानसभा अस्तित्व नें आई और तभी से विश्वास सारंग विधायक हैं. 2018 में उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. भाजपा की ओर से नरेला से इस बार भी मंत्री विश्वास सारंग का नाम टिकट के दावेदारों में सबसे मजबूत माना जा रहा है. वहीं कांग्रेस मनोज शुक्ला प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, वहीं इसके अलावा पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह चौहान और आसिफ जकी का नाम भी सुर्खियों में है.

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गोविंदपुरा विधानसभा

गोविंदपुरा (Govindpura) सीट बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का गढ़ मानी जाती है. पिछले 46 सालों से (1977 से) यहां भाजपा का कब्जा रहा है. बाबूलाल गौर के बाद उनकी बहू कृष्ण गौर 2013 से गोविंदपुरा की विधायक हैं. लेकिन इस बार कृष्णा गौर के साथ ही सिंधिया समर्थक नेता गिरीश शर्मा का नाम भी भाजपा की ओर से चर्चाओं में हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से रावेंद्र साहू झूमरवाला का नाम चर्चाओं में है. हाल ही में इन्होंने गोविंदपुरा में कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन भी किया था.

भोपाल उत्तर विधानसभा

भोपाल उत्तर (Bhopal Uttar) की सीट पर 1998 से कांग्रेस नेता आरिफ अकील का कब्जा रहा है, उन्हें शेर ए भोपाल कहा जाता है. इस बार बीमारी के चलते, विधायक आरिफ अकील ने खुद को चुनाव से दूर रखते हुए बेटे को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया है. हालांकि उन्हें परिवार के लोगों की गुटबाजी का ही सामना करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया गया है. आलोक शर्मा स्थानीय प्रत्याशी से हैं, लेकिन इस इलाके में कांग्रेस को टक्कर देना बीजेपी के लिए मुश्किल का मैदान माना जा रहा है.

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भोपाल मध्य विधानसभा

भोपाल मध्य (Bhopal Madhya) से ध्रुव नारायण सिंह को टिकट दिया गया है. मध्य से भाजपा के जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी और कृष्णा खड़गे को भी टिकट मिलने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन भाजपा ने 39 सीटों में एक भोपाल मध्य पर ध्रुव नारायण सिंह (Dhruv Narayan Singh) के नाम का ऐलान कर इन कयासों पर विराम लगा दिया है. वहीं कांग्रेस से 14 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने वाले विधायक आरिफ मसूद टिकट की दावेदारी में सबसे आगे चल रहे हैं.

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भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा

भोपाल की दक्षिण-पश्चिम सीट मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. इस सीट पर ब्राम्हण और मुस्लिम वोटरों का बराबर असर देखने को मिलता है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा (PC Sharma) दक्षिण-पश्चिम सीट से वर्तमान विधायक हैं. 2018 के चुनावों में उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता को शिकस्त दी थी, जबकि उमाशंकर गुप्ता भी यहां से विधायक रह चुके हैं. इस बार उमाशंकर गुप्ता के अलावा भगवानदास सबनानी का नाम भी भाजपा दावेदारों में शामिल है. वहीं कांग्रेस से पीसी शर्मा का टिकट भी तय माना जा रहा है, लेकिन संजीव सक्सेना के नाम की भी चर्चा है.

हुजूर विधानसभा

हुजूर (Hujur) विधानसभा सीट पर सिंधी वोटर बड़ा असर डालते हैं. भाजपा के दिग्गज नेता रामेश्वर शर्मा 2013 से हुजूर विधायक हैं. रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर भी रह चुके हैं, उनका नाम बड़े नेताओं में शामिल है. संभवतः इस बार भी भाजपा रामेश्वर शर्मा को हुजूर से चुनावी मैदान में उतार सकती है, वहीं कांग्रेस की ओर से भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए जितेंद्र डागा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इसके अलावा माना जा रहा है कि नरेश ज्ञानचंदानी पर भी पार्टी एक बार फिर भरोसा जता सकती है.

बैरसिया विधानसभा

बैरसिया (Berasia) विधानसभा को भाजपा का किला माना जाता है. कांग्रेस अब तक कुल 2 बार इस सीट पर काबिज हो पाई है. बैरसिया सीट से भाजपा विधायक विष्णु खत्री 2 बार जीत चुके हैं. कांग्रेस से रामभाई मैहर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. हाल ही में रामभाई मेहर ने दिग्विजय सिंह के साथ 18 किलोमीटर की पैदल धार्मिक यात्रा में भाग लिया था. कांग्रेस से पिछली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली जयश्री हरिकरण 2023 के विधानसभा चुनावों में भी दावेदार मानी जा रही हैं. इस आरक्षित सीट पर पिछले चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला था. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस बीजेपी के इस किले को भेद पाती है.

2018 विधानसभा चुनाव के ये रहे थे नतीजे

नरेला
भाजपा- 108654
कांग्रेस- 85503
जीत का अंतर- 23151

हुजूर
भाजपा- 107288
कांग्रेस- 91563
जीत का अंतर- 15625

गोविंदपुरा
भाजपा- 125487
कांग्रेस- 79128
जीत का अंतर- 46359

भोपाल मध्य
कांग्रेस- 76647
भाजपा- 61890
जीत का अंतर- 14757

भोपाल दक्षिण-पश्चिम
कांग्रेस- 67323
भाजपा- 60736
जीत का अंतर- 06597

भोपाल उत्तर
कांग्रेस- 90403
भाजपा- 55546
जीत का अंतर- 34857

बैरसिया
भाजपा- 77814
कांग्रेस- 64035
जीत का अंतर- 13779

स्रोत- निर्वाचन आयोग की वेबसाइट

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