कांग्रेस छोड़ BJP में जाएंगे विधायक राम निवास रावत? पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने कर दिया बड़ा खुलासा
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Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले बड़ी उठा पटक जारी है. कई कांग्रेसी नेता लगातार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. अब फिर एक कद्दावर नेता के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई है. कांग्रेस के 6 बार के वरिष्ठ विधायक, पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट रामनिवास रावत के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं, इसी मामले को लेकर अब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया है.
आपको बता दें बीते एक सप्ताह से भी अधिक से कांग्रेसी नेता रामनिवास रावत को लेकर असमंजस बरकरार है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि वे 25 तारीख को बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
राम निवास रावत को लेकर दिग्विजय सिंह ने बड़ा दावा किया है, उन्होंने कहा, "रामनिवास कहीं नहीं जाने वाले हैं, मेरे साथ ही मौजूद हैं और मेरे साथ ही प्रचार करेंगे" आगे कहते हैं, "बीजेपी के पास कोई काम नहीं है इसी कारण अपवाह फैलाई जा रही है" इसके अलावा कुछ नहीं है. ऐसा कहा जा रहा है कि आलाकमान ने समय रहते डैमेज कंट्रोल कर लिया है.
क्या बोले राम निवास रावत?
पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच रामनिवास रावत दिग्विजय सिंह का प्रचार करने पहुंचे. उन्होंने राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किआ. इस दौरान दिग्विजय सिंह और राम निवास रावत एक साथ बैठे नजर आए. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रामनिवास रावत ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा के मुकाबले सीधे हैं.
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अब कांग्रेस युक्त बीजेपी- दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने बयान देते हुए कहा कि भाजपा लोगों को गुमराह करने के लिए बयान देती है. पहले भाजपा कहती थी कांग्रेस मुक्त भारत हो, लेकिन आज बीजेपी खुद कांग्रेस युक्त भारत हो गई है. RSS के जमाने के नेता एआज बीजेपी में चप्पलें चटकाते हुए घूम रहे हैं. मोदी और शाह ने बाहर से आयातित नेताओं को टिकिट दिया है. मोदी इम्पोर्टेड लोगों को उम्मीदवार बना रहे हैं इम्पोर्टेन्ट को नहीं.
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कौन हैं राम निवास रावत?
64 साल के रामनिवास रावत अब तक विजयपुर सीट से 6 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. चंबल अंचल की विजयपुर विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल हैं. यही कारण है कि इस सीट पर बीजेपी सेंध लगाना चाह रही है. हालांकि सियासी गलियारों में चर्चांए हैं उनको लेकर ऐसा माना जा रहा है कि रावत मुरैना में कांग्रेस की टिकट वितरण को लेकर भी नाराज हैं. यही कारण है कि पार्टी के बड़े नेता अभी भी उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं. राम निवास रावत दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं. 1993 से 1998 तक मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार में राज्य मंत्री और 1998 में एमपी के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर चुके है.
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