MP: निशा बांगरे का छह महीने में ही राजनीति से मोह भंग, शासन को पत्र लिखकर वापस मांगी नौकरी
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Former Deputy Collector Nisha Bangre: मध्यप्रदेश की पूर्व डिप्टी कलेक्टर और कांग्रेस नेता निशा बांगरे का बहुत जल्द ही राजनीति से मोहभंग हो गया है. निशा बांगरे ने मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके प्रति शासन सहानुभूति दिखाए और उनको फिर से नौकरी में वापस ले लिया जाए. निशा बांगरे ने अपने पत्र में बताया है कि उनको परिस्थितिवश नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरना पड़ा था और वे इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थीं.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. वे बैतूल जिले की एक विधानसभा सीट पर टिकट देने की मांग कांग्रेस पार्टी से कर रही थीं. कांग्रेस ने भी उनको भरोसा दिया था कि उनको टिकट देकर विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा. कांग्रेस पार्टी ने उनके लिए बैतूल की आमला सीट को होल्ड भी कर दिया था. लेकिन ऐन वक्त पर निशा बांगरे का टिकट कट गया और अन्य व्यक्ति को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बना दिया था.
इसके बाद कांग्रेस ने निशा बांगरे को महिला कांग्रेस में पद देकर उनको एडजस्ट करने की कोशिश की थी. लेकिन निशा बांगरे ने एक बार फिर से टर्न लिया है और अब वे राजनीति से दूर फिर से शासकीय सेवा में जाना चाहती हैं और इसके लिए शासन को लिखे पत्र में वे बता रही हैं कि उनके डिप्टी कलेक्टर रहते हुए उनको न तो कोई नोटिस मिला था, न ही कोई कार्रवाई हुई और न ही कोई विभागीय जांच हुई. उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के रूप में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए बेहतर काम किया था.
इस्तीफा भी शासन द्वारा गृहप्रवेश की पूजा में शामिल होने से रोकना वजह बनी थी, जिसके बाद इस्तीफा दिया और इस्तीफा देने के बाद शासन स्तर पर बहुत कुछ ऐसा हुआ, जिससे उनको काफी परेशानियां उठानी पड़ीं. लेकिन अब वे चाहती हैं कि शासन उनके कार्य के आधार पर उनको एक और मौका दें और नौकरी में वापस ले लिया जाए.
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निशा बांगरे ने कमलनाथ के कहने पर ही नौकरी छोड़ी थी और उम्मीद थी कि कांग्रेस उनको अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारेगी लेकिन कांग्रेस पार्टी के अंदर निशा बांगरे को लेकर खासा विरोध हो गया था, जिसके कारण उनका टिकट ऐन मौके पर कट गया था. अब न नौकरी रही और न ही विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका निशा बांगरे को मिला. ऐसे में अब वे राजनीति से दूरी बनाकर फिर से शासकीय सेवा में जाने की कोशिश कर रही हैं.
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