Lok Sabha Chunav: होशंगाबाद लोकसभा सीट पर संजय और दर्शन आमने-सामने, CM भी हारे थे इस सीट पर चुनाव

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Narmadapura- Hoshangabad-Lok-Seat-Election
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Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद कल देर रात अपने 12 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. अभी भी कांग्रेस में 6 सीटों पर नामों पर सहमति नहीं बन पाई है. कांग्रेस द्वारा जारी इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद विधायक भी शामिल हैं, इन्हीं में से एक होशंगाबाद-नरसिंहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने तेंदुखेड़ा के पूर्व विधायक संजय शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. 

भाजपा ने होशंगाबाद नरसिंहपुर सीट से किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया है. इसके बाद से चौधरी लगातार लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. तो वहीं संजय शर्मा आज से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत करने जा रहे हैं. आपको बता दें नर्मदापुरम नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र में संजय शर्मा पूर्व में चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी के संजय शर्मा इलाके के कद्दारवर नेता माने जाते हैं. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प होगा.

 

 

कौन हैं संजय शर्मा?

संजय शर्मा कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. पहले दो बार बीजेपी से तेंदूखेड़ा विधानसभा सीट से वे विधायक रह चुके हैं. उसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर भी विधायक चुने गए थे. लेकिन साल 2023 के लोकसभा चुनाव में तेंदूखेड़ा विधानसभा से शर्मा को 15000 वोटो से बीजेपी के विश्वनाथ सिंह पटेल से चुनाव हरा दिया था. अब कांग्रेस ने इन्हें होशंगाबाद नर्मदापुरम संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है. इनका मुकाबला भाजपा के दर्शन से चौधरी से होगा.  

हालांकि अगर टिकट वितरण और प्रचार की बात करें तो बीजेपी ने 25 दिन पहले ही अपने प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया था, यही कारण है कि कांग्रेस को प्रचार-प्रसार में कम समय और ज्यादा क्षेत्र कवर करना होगा. 

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कौन हैं दर्शन चौधरी?

दर्शन सिंह चौधरी शासकीय नौकरी में थे. शिक्षक संगठन बनाकर आंदोलन भी किया, जिसके चलते उन्हें 4 बार जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि बाद में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर फुल टाइम राजनीति में एंट्री कर ली थी. दर्शन सिंह किरार धाकड़ समाज से आते हैं. उन्हें पूर्व सीएम शिवराज सिंह का करीबी माना जाता है, किसान संघ में ब्लाक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश मंत्री पद पर रहकर किसानों के लिये आंदोलन किये और जेल गए. 

इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भी लड़ चुके हैं चुनाव

होशंगाबाद लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाता है. यही कारण है कि इस सीट पर कई दिग्गज मैदान में उतरते रहते हैं. इस सीट पर पहले 2 पूर्व मुख्यमंत्री भी अपनी किश्मत आजमा चुके हैं. जिनमें से एक के हाथ हार तो एक के हाथ जीत लगी थी.

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पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह यहां से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने 1999 के में यहां से जीत हासिल की थी. 

क्या है इस सीट का इतिहास

होशंगाबाद लोकसभा सीट देश के पहले आम चुनावों से ही अस्तित्व में आ गई थी. 1951 के पहले चुनाव में कांग्रेस के सैयद अहमद ने यहां से जीत दर्ज की थी, जबकि 1952 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एचवी कामथ चुनाव जीते थे. 1957 में कांग्रेस ने यहां जोरदार वापसी की थी. लेकिन ये वापसी अगले चुनाव यानि कि 1962 में फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के हरिविष्णु कामथ के पाले में गई. 

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यहां से 1967 और 1971 में कांग्रेस प्रत्याशी नीतिराज सिंह लगातार 2 बार जीत हासिल की थी. 1977 में पहली बार इस सीट पर कांग्रेस और  प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बजाय जनता पार्टी ने चुनाव जीता था. तो 1980 और 1984 में कांग्रेस के रामेश्वर नीखरा लगातार दो बार सांसद चुने गए. लेकिन 1989 में बीजेपी के सरताज सिंह ने पहली बार जीत हासिल की और 1999 तक लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे. 2009 में लंबे समय बाद कांग्रेस की वापसी हुई, लेकिन 2014 और 2019 में बीजेपी ने यहां से फिर जीत हासिल की थी.

कितनी विधानसभाओं से है इस सीट का ताल्लुक

होशंगाबाद लोकसभा सीट पर 1951 से लेकर 2019 तक 16 आम चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 8 चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल की है, इसके अलावा 2 बार दूसरे दलों को जीत मिली है. इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें नर्मदापुरम, सोहागपुर, सिवनी-मालवा, और पिपरिया आती है, जबकि नरसिंहपुर जिले की नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, और गाडरवारा विधानसभा सीट शामिल है, इसके अलावा रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट भी होशंगाबाद लोकसभा सीट में ही आती है.

आपको बता दें विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने इन सभी 8 विधानसभा सीटों पर विजय हासिल की है, यही कारण है कि कांग्रेस के लिए ये चुनाव थोड़ा टफ माना जा रहा है. 

 

 

क्या था 2019 का चुनावी परिणाम

अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी.

इस सीट से बीजेपी के राव उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के दीवान शैलेंद्र सिंह को 5 लाख 53 हजार 682 वोटों के बड़े अंतर से हराया था.

बीजेपी प्रत्याशी को कुल 8 लाख 77 हजार 927 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी 3 लाख 24 हजार 245 हजार वोट ही मिले थे. लेकिन विधानसभा चुनाव के समय राव उदय सिंह को बीजेपी ने विधानसभा का चुनाव लड़ाया और मध्य प्रदेश की कैबिनेट में जगह दी. जिसके कारण इस सीट पर बीजेपी दर्शन सिंह चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि दर्शन राव उदय प्रताप जैसी ही जीत हासिल करते हैं या फिर संजय अपनी खोई हुई राजनीतिक विरासत बचा पाते हैं.

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