मुरैना सीट पर उम्मीदवार घोषित करते ही कांग्रेस में हो गई बगावत, नीटू सिकरवार को लेकर क्यों भड़के विधायक रामनिवास रावत
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Morena-Sheopur Lok Sabha seat: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा लंबे इंतजार और गहन विचार मंथन के बाद आखिरकार मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी के तौर पर सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) के नाम की घोषणा कर दी है. लेकिन इस घोषणा के साथ ही कांग्रेस में बगावत के सुर भी सुनाई देने लगे हैं. कांग्रेस के विजयपुर से विधायक
रामनिवास रावत ने पार्टी पर तंज कस दिया और एक बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेतृत्व ने ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है जिसे कार्यकर्ता की जरूरत नहीं हैं और वो स्वयं जीतने का दम्भ रखते हैं. वे अपनी चुनाव प्रभारी की भूमिका को छोड़कर अन्य क्षेत्र में जाकर पार्टी का काम करेंगे. रावत का यह बयान काफी चर्चा में आ गया है, क्योंकि वे स्वयं को भी पार्टी प्रत्याशी के रूप में देख रहे थे.
दरअसल शनिवार देर शाम को कांग्रेस के विजयपुर विधायक रामनिवास रावत श्योपुर प्रवास पर आये थे. जिन्होंने मीडिया कर्मियों से मुलाकात करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने काफी मंथन के बाद मध्यप्रदेश की शेष तीन लोकसभा सीट मुरैना, खंडवा एवं ग्वालियर पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इस लिस्ट में मुरैना श्योपुर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हुए सत्यपाल सिंह सिकरवार को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत ने गहरी नाराजगी जाहिर की है.
रामनिवास रावत ने पार्टी पर तंज कसा है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा से पूर्व विधायक सत्यपाल सिकरवार उर्फ नीटू को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे ऐसा लगता है कि बिना कार्यकर्ता के ही यह उम्मीदवार इस सीट पर विजय प्राप्त कर लेंगे. प्रत्याशी चयन को लेकर सीनियर नेताओं से कोई सलाह नहीं ली गई. वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया कि बिना सोचे समझे कार्यकर्ताओं पर उम्मीदवार थोपना गलत है.
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से अपनी असहमति जता दी- रामनिवास रावत
विधायक रामनिवास रावत ने बताया कि उन्होंने अपनी असहमति से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को अवगत करा दिया है. रावत का कहना है कि ऐसे निर्णयों से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है. पार्टी ने कार्यकर्ताओं को इस्तेमाल करने की चीज समझ ली है, इससे कांग्रेस मजबूत नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनाव में मिली प्रभारी की भूमिका को भी वापस करेंगे. इसके लिए पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को भी अवगत करा दिया है कि उन्हें किसी अन्य क्षेत्र में जिम्मेदारी सौंप दें.
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