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चुनावों से ठीक पहले इस सर्वे ने चौंकाया, जानें कौन है सीएम फेस के तौर पर MP की पहली पसंद?

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Madhya Pradesh Chunav Survey Madhya Pradesh Election Madhya Pradesh Election Survey Madhya Pradesh Election Survey Results Madhya Pradesh CM Face MP Election
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनावों (MP assembly Election) में कुछ ही दिन बाकी हैं. भाजपा और कांग्रेस समेत कई पार्टियां पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतर रही हैं और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकार बनाने को लेकर आये दिन नए-नए सर्वे सामने आ रहे हैं. अब एक ताजा सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए हैं. इसमें भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आगे नजर आ रही है और शिवराज सिंह चौहान को सीएम के तौर पर पहली पसंद बताया गया है.

न्यूज़ 24 के ताज़ा सर्वे में भाजपा को कांग्रेस की तुलना में ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जो बहुमत से काफी कम है. इस चैनल ने इससे पहले कुछ माह में एक सर्वे किया था, जिसकी तुलना में भाजपा इस बार 15 सीटें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. इतनी ही सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हो रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दो महीने पुराने सर्वे का कोई मतलब नहीं है, अब चुनाव सामने हैं, इस वक्त जनता को जो मिजाज दिख रहा है वही असली है.

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सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े

ताजा सर्वे के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान अब भी मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे पसंदीदा चेहरा हैं. शिवराज सिंह को 44.2%जबकि कमलनाथ को 44.1% सीएम के तौर पर पसंद बताया है. चुनाव होने पर भाजपा को 48 फीसदी और कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया है. सर्वे के आंकडों की मानें तो मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 115-122, जबकि कांग्रेस को 105-115 सीटें मिल सकती हैं. वहीं अगर वोट पर्सेंट में बात करें तो बीजेपी को 45.6% फीसदी और कांग्रेस को 45.1% फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.

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लाड़ली बहना बनी गेमचेंजर?

हाल ही में आये कई सर्वे ये साफ़ बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हो रही है. पिछले 2 महीने में भाजपा के पक्ष में माहौल के पीछे इसकी बड़ी भूमिका है. महिला मतदाताओं का वोट पहले से ही भाजपा के पक्ष में रहा है. लाड़ली बहना के बाद शिवराज सिंह चौहान के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है. जानकारों के मुताबिक महिला और युवा मतदाताओं को ये लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर शिवराज सरकार की योजनाएं बंद कर देगी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सभाओं में ये बात कह चुके हैं कि कांग्रेस पर भरोसा मत करना. लाड़ली बहना के वोट शिवराज सरकार को 140 प्लस तक ले जा सकते हैं.

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वर्गों के आधार पर सर्वे

इस ओपिनियन पोल में अलग-अलग जातियों और वर्गों के आधार पर भी सर्वे किया. इसके नतीजे चौंकाते हैं. कांग्रेस को किसी भी वर्ग में बढ़त नहीं दिखाई दे रही है, ये आश्चर्यजनक हैं. अगड़ी जातियों के सर्वाधिक 52 फीसदी वोट भाजपा के पक्ष में हैं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 35 फीसदी का समर्थन है. आदिवासी भी कांग्रेस के बजाय भाजपा के पक्ष में दिख रहे हैं, यही ट्रेंड पिछड़ा वर्ग और अन्य के साथ हैं.

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स्थानीय स्तर पर है एंटी इंकम्बेंसी

इस सर्वे में एक दिलचस्प बात सामने आई है कि एंटीइंकम्बेंसी स्थानीय स्तर पर है. मुख्यमंत्री या भाजपा से लोग इतने नाराज नहीं है. सबसे ज्यादा लोगों को शिकायत अपने विधायक और अफसरों से हैं. इसे समझते हुए ही शायद भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करके दो महीने में माहौल अपने पक्ष में कर लिया है. सबसे पहले भाजपा ने सात सांसदों और एक महासचिव को उतारकर बहुत हद तक विधायकों के प्रति नाराजगी को दूर करने की कोशिश की. अफसरों के प्रति जो नाराजगी थी, वो बड़े बदलाव के साथ शिवराज ने बार-बार जनता को ये कहकर कि ‘मैं हूं ना’ से मतदाताओं को जोड़े रखा है.

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