मुरैना के कांग्रेस प्रत्याशी ने निर्वाचन आयोग से क्यों की नरेंद्र सिंह तोमर की शिकायत, बोले, 'वे अपनी संवैधानिक मर्यादा भूले'

दुष्यंत शिकरवार

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Narendra Singh Tomar was talking reporters after inaugurating the BJP's media centre in Gwalior city of Madhya Pradesh. (File photo: PTI)
Narendra Singh Tomar
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Lok Sabha Elections 2024: मुरैना लोकसभा सीट पर जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे नेता एक दूसरे पर हमलावर होते जा रही हैं. मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ़ नीटू ने विधानसभा अध्यक्ष व दिमनी विधायक नरेद्र सिंह तोमर की निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. शिकायत में बताया है कि वे संवैधानिक पद पर रहते हुए भाजपा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर के समर्थन में वोट माँग रहे हैं. प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इस शिकायत में कांग्रेस ने एक वीडियो भी निर्वाचन आयोग को दिया है.

निर्वाचन आयोग से की गई शिकायत में कांग्रेस ने लिखा है कि आर्टीकल 178 के अनुसार विधान सभा अध्यक्ष इसका उल्लंघन कर रहे हैं. विधान सभा अध्यक्ष संवैधानिक पद पर हैं और उनके लिए सभी राजनीतिक दल एक समान हैं. अगर वह मप्र भाजपा के अध्यक्ष होते तो कोई बात नहीं थी, लेकिन जिस पद पर हैं, वह संवैधानिक है, इसलिए उन्हें भाजपा के प्रत्याशी के लिए वोट नहीं माँगना चाहिए. शिकायत के बाद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है. अगर कार्यवाही नहीं होती तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे.

नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर नीटू सिकरवार का साफ कहना है कि वे विधानसभा अध्यक्ष बन गए हैं तो अब उनको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए न कि वे अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने उसके साथ जगह-जगह प्रचार ही करने पहुंच जाएं. नीटू सिकरवार ने इस मामले को लेकर घोर आपत्ति जताई है और इसे संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करार दिया है. 

नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव से बीजेपी ने दिए हैं चंबल अंचल में तीन टिकट?

चंबल की राजनीति को करीब से देखने वाले बताते हैं कि मुरैना में शिवप्रताप सिंह तोमर, भिंड में संध्या राय और ग्वालियर सीट पर भारत सिंह कुशवाहा ये वो तीन नाम हैं, जिनको टिकट दिलाने में नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका बताई जाती है. नरेंद्र सिंह तोमर पूर्व में मुरैना-श्योपुर सीट से ही चुनकर सांसद बने थे और केंद्र में मंत्री बने हुए थे. लेकिन विधानसभा चुनाव से पूर्व उनको केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दिलाकर बीजेपी ने मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा दिया और वे वहां से जीते भी. जिसके बाद उनको बीजेपी ने बाद में विधानसभा अध्यक्ष बना दिया था.

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