MP Election: जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की सीटों पर फंसा पेंच! इस EXIT POLL ने बढ़ाई टेंशन
कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की स्थिति कमजोर मानी जा रही है.

MP Election 2023 Exit Poll: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी होने में एक दिन का ही समय बचा है, लेकिन इससे पहले आए एग्जिट पोल ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है. Inida Today Exis My India के एग्जिट पोल में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है, वहीं कांग्रेस मुश्किल में नजर आ रही है. खैर नतीजों के बाद ही प्रदेश के राजनीतिक भविष्य की तस्वीर साफ हो पाएगी. फिलहाल कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की स्थिति कमजोर मानी जा रही है.
जीतू पटवारी की स्थिति कमजोर
इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सीट वाइज जारी किए गए एग्जिट पोल में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी की स्थिति कमजोर बताई जा रही है. बता दें कि जीतू पटवारी (Jitu Patwari) इंदौर के राऊ से प्रत्याशी हैं. उनका मुकाबला भाजपा के मधु वर्मा से है. जीतू पटवारी वर्तमान विधायक हैं. 2018 के चुनावों में उन्होंने लगभग 5000 वोटों से मधु वर्मा को मात दी थी. जीत का अंतर कम था, लेकिन क्या बीजेपी इस बार इस फांसले को पाट पाएगी, इसके लिए चुनावों नतीजों का इंतजार का करना होगा.
दीपक जोशी का राजनीतिक भविष्य दांव पर
दीपक जोशी (Dipak Joshi) ने चुनावों से पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था. पिछला विधानसभा चुनाव हार चुके दीपक जोशी को पार्टी बदलने का फायदा जमीन पर मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में दीपक जोशी की स्थिति कमजोर बताई जा रही है. बता दें कि जोशी देवास की खातेगांव सीट से प्रत्याशी हैं, उनका मुकाबला आशीष गोविंद शर्मा से है.
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नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की सीट फंस गई
लहार से 7 बार के विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) की सीट पर पेंच फंसता नजर आ रहा है. एग्जिट पोल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है. उनका मुकाबला बीजेपी के अंबरीष शर्मा गुड्डू से है. पिछला चुनाव गोविंद सिंह ने 9000 से ज्यादा वोटों से जीता था, लेकिन इस बार उनकी सीट मुश्किल में फंसती नजर आ रही है.
खतरे में विक्रांत भूरिया का राजनीतिक करियर
झाबुआ से कांग्रेस प्रत्याशी और आदिवासी नेता विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) का राजनीतिक भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है. युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया को 2018 में इसी सीट से हार मिली थी. भाजपा झाबुआ से अपने जिलाध्यक्ष भानु भूरिया को उम्मीदवार बनाया है, जो विक्रांत भूरिया को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
एग्जिट पोल में इंदौर-1 से कांग्रेस उम्मीदवार संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) की स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है. इंदौर-1 से कैलाश विजयवर्गीय की स्थिति मजबूत बताई गई है, जिससे शुक्ला की सीट पर खतरा पैदा हो गया है.
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