मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनी मजाक, फेरे और पंडित के बिना ही हो गई 63 जोड़ों की शादी

खेमराज दुबे

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Sheopur News:   मध्यप्रदेश के श्योपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित हुआ सरकारी सामूहिक विवाह सम्मेलन मजाक बनकर रह गया, क्योंकि सम्मेलन में पांडाल सजाया गया, फेरों के लिए 63 हवनवेदियां भी बनाई गई. लेकिन न तो हवनवेदियों में अग्नि प्रज्वलित हुई, न ही फेरे पड़े. सिर्फ वर-वधु आए एक दूसरे को माला पहनाई और प्रशासन ने नेताओं-जनप्रतिनिधियों के हाथों कन्यादान योजना की राशि के चेक बंटवा दिए. सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस विधायक ने आयोजन को लेकर प्रशासन और भाजपा पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने भी पलटवार कर दिया उधर प्रशासन पूरे विधि विधान से सम्मेलन संपन्न कराने का दावा कर रहा है.

जानकारी के अनुसार  मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शनिवार को अक्षयतृतीया के मौके पर श्योपुर जिला मुख्यालय पर सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया. श्योपुर जनपद पंचायत के तत्वावधान में बाइपास रोड हेवी मशीनरी टीनशेड में आयोजित इस सम्मेलन के लिए पिछले सप्ताह तक आवेदन लिए गए. जिसमें 63 जोड़ों के विवाह के लिए पंजीयन हुए किए गए थे. इसी के तहत टीनशेड प्रांगण में मंच सजाया, 63 जोड़ों के लिए हवनवेदियां भी बनाई, लेकिन सम्मेलन में एक भी जोड़े के फेरे नहीं कराए गए. बल्कि वर-वधु को बुलाया गया, एक दूसरे को माला पहनाई गई और शादी हो गई.

बिना फेरों के शादी संपन्न
सामूहिक विवाह सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों के हाथों वधु को 49 हजार रुपए की राशि का चेक प्रदान कर वर-वधु को रवाना कर दिया गया. शादी के दौरान न तो वर वधु ने फेरे लिए और ही कन्यादान की रश्म अदा की गई. इस दौरान वर-वधु को आशीर्वाद देने और चेक प्रदान के लिए भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित कई नेता और कांग्रेस से क्षेत्रीय विधायक बाबू जंडेल भी पहुंचे. हालांकि विधायक जंडेल ने कुछ वर-वधुओं को चेक प्रदान किया और आशीर्वाद भी दिया, लेकिन उन्होंने कन्यादान योजना के सम्मेलन में खानापूर्ति को लेकर सवाल भी उठाए.

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आयेाजन पर कांग्रेस विधायक ने उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल का कहना है कि मुझे यहां कोई व्यवस्था नहीं दिखी है और माला डालकर चेक दे दिए गए हैं. निश्चित रूप से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के सम्मेलन में खानापूर्ति की गई है.

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बीजेपी का तंज आयोजन से कांग्रेस को दर्द हो रहा
बीजेपी जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट का कहना है कि हितग्राहियों ने योजना में पंजीयन कराया है, उन्हें लाभ मिला है और किसी बेटी को 49 हजार रुपए योजना में मिल रहे हैं,तो कांग्रेस के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए.  आयोजन की जिम्मेदारी निभाने वाले जनपद पंचायत श्योपुर के प्रभारी सीइओ,अभिषेक त्रिवेदी से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना था कि सम्मेलन में पूरे विधि विधान से शादियां हुई है और अतिथियों द्वारा कन्याओं को योजना की राशि के चेक भी प्रदान किए गए हैं.

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महत्वाकांक्षी योजना बनी मजाक
सीएम शिवराज सिंह चौहान की पहल पर शुरू हुई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उनकी महत्वाकांक्षी योजना है. जिसमें सरकार द्वारा एक जोड़े के लिए 55 हजार रुपए की राशि दी जाती है. इसमें 49 हजार रुपए की नकद राशि वधु को प्रदान की जाती है, जबकि 6 हजार रुपए की राशि आयोजन की व्यवस्था के लिए रहती है. विशेष बात यह है कि योजना के तहत होने वाले विवाह सम्मेलन में एक ही पांडाल में सामूहिक विवाह होते हैं और उसी पांडाल में फेरे और निकाह कराए जाते हैं. लेकिन इस सम्मेलन में फेरे कराए बिना ही शादियां हो गई.

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