Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अपना घोषणा पत्र तैयार करने में जुटी हुई है, इसे उसने वचन पत्र नाम दिया है. कांग्रेस की वचन पत्र समिति की बैठक पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है. नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ का वचन पत्र ‘रफ कॉपी’ की तरह है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कुछ करना नहीं है, सिर्फ बैठकें करके खाली वचन पत्र बना रही है.
आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी को देखते हुए पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर वचन पत्र समिति की बैठक की गई थी. कांग्रेस की वचन पत्र समिति की बैठक में वचन पत्र समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, सुरेश पचौरी, डॉक्टर गोविंद सिंह, मुकेश नायक, बाला बच्चन, सज्जन वर्मा, तरुण भनोट, सहित वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे.
नरोत्तम मिश्रा ने कसा तंज
नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के वचन पत्र पर तंज कसते हुए कहा कि ‘पहले एक शब्द चलता था बोल बच्चन, ये कमलनाथ के वोट वचन हैं. हम जैसे बचपन में पढ़ते थे तो बहुत सारी किताबों में एक रफ किताब होती थी उसमें जो भी कोई बोले उसको लिखते जाते थे. ऐसे ही उनकी एक रफ कॉपी बन रही है. करना-धरना कुछ है नहीं, इसलिए लिखने में क्या बुराई है, सिर्फ बैठकें ही तो करना है.’
प्रदेश में कांग्रेस ‘वचन पत्र’ नहीं ‘वोट वचन’ बना रही है। pic.twitter.com/XsdWYhXJ4I
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) April 18, 2023
कमलनाथ की बात कोई नहीं मानता
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सर्कुलर जारी करने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ की बात कोई मानता नहीं है, इसलिए उन्हें सर्कुलर जारी करना पड़ रहा है. कांग्रेस बूथ मजबूत करने के सवाल पर जवाब देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बूथ पर कोई कांग्रेस कार्यकर्ता बचा ही नहीं है तो बूथ मजबूत कहां से होगा.इससे पहले नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा था कि चुनाव आते ही कांग्रेस घोषणाओं के सहारे जनता को भ्रमित करने की कोशिश में जुट जाती है. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का ‘वचन पत्र’ सिर्फ कागजी पुलिंदा है.
हर जिले का अलग वचनपत्र
प्रदेश के साथ ही हर जिले के लिए कांग्रेस अलग से वचनपत्र बना रही है. वचन पत्र के सबसे जरूरी बिंदु हैं- महिलाओं को 1500 रुपये महीने भत्ता और 500 में गैस सिलेंडर के साथ ही पुरानी पेंशन बहाली जैसे प्रस्ताव वचनपत्र में शामिल किए गए हैं. बता दें कि 2018 में भी कांग्रेस ने किसान कर्ज माफी को लेकर वचनपत्र तैयार किया था, जो चुनावों में गेम चेंजर साबित हुआ था और 15 साल बाद कांग्रेस को चुनावों में जीत हासिल हुई थी.
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