भोपाल जिले में नहीं करा सकेंगे नए बोर, कलेक्टर ने जारी किए आदेश; जाने क्या है पूरा मामला

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Madhya Pradesh: भोपाल जिले में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को गिरने से रोकने के लिए भोपाल कलेक्टर ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब भोपाल जिले में अशासकीय और निजी नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है, यानी कि अब आप अपनी मर्जी से बोर नहीं करा सकेंगे. कलेक्टर के आदेशों के मुताबिक जिले की सीमाओं में कोई भी बोरिंग मशीन सार्वजनिक मार्गों को छोड़कर प्रवेश नहीं कर सकेगी और ना ही कोई नलकूप खनन कर सकेगी.

भोपाल कलेक्टर के आदेशों के मुताबिक 22 अप्रैल 2023 से लेकर 30 जून 2023 तक ऐसे बोर करने पर रोक लगाई गई है. ये फैसला गिरते जल स्तर को देखते हुए लिया गया है. कलेक्टर के आदेश के मुताबिक अगर कोई बोरिंग मशीन बोर करते पाई गए तो उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी, साथ ही 2000 रुपये का जुर्माना और 2 साल की जेल तक सजा हो सकती है.

गर्मियों के दिनों में नहीं होंगे बोर
गिरते जल स्तर को बचाने के लिए भोपाल के नवनियुक्त कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व की अनुमति के बगैर नलकूप या बोर करने पर रोक लगा दी है. कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 22 अप्रैल 2023 से लेकर 30 जून 2023 तक कोई भी व्यक्ति निजी बोर नहीं करा सकता है. इसके लिए बोरिंग मशीनों को सार्वजनिक मार्गों को छोड़कर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.

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जल स्तर गिरने से बचाना
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है. मेरे द्वारा पेयजल संकट की स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नही लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है. ये फैसला मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 और संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) के तहत लिया गया है.

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फोटो- कलेक्टर द्वारा जारी आदेश की कॉपी

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