पीपुल्स ग्रुप पर ED का बड़ा एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग केस में 230 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी अटैच की
MP News: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा कि भोपाल स्थित पीपुल्स ग्रुप के 230 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्कूल, कॉलेज, पेपर मिल और अन्य इमारतें मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कुर्क की गई हैं. ईडी का मामला कंपनी अधिनियम, 2013 की धाराओं के तहत सुरेश नारायण विजयवर्गीय, दिवंगत राम विलास विजयवर्गीय, पीपल्स […]

MP News: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा कि भोपाल स्थित पीपुल्स ग्रुप के 230 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्कूल, कॉलेज, पेपर मिल और अन्य इमारतें मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कुर्क की गई हैं. ईडी का मामला कंपनी अधिनियम, 2013 की धाराओं के तहत सुरेश नारायण विजयवर्गीय, दिवंगत राम विलास विजयवर्गीय, पीपल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा दायर तीन आरोप पत्रों से उपजा है.
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, कुर्क की गई संपत्तियां भूमि, भवन और मशीनरी, कॉलेज, स्कूल, प्रशिक्षण केंद्र, पेपर मिल, न्यूजप्रिंट मशीनरी आदि के रूप में हैं. इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 230.4 करोड़ रुपये है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईडी ने आरोप लगाया कि उसकी जांच में पाया गया कि विजयवर्गीय ने संदिग्ध तरीकों से एफडीआई के रूप में प्राप्त धन का उपयोग करके खुद को और अपने नियंत्रण वाली संस्थाओं को समृद्ध किया, जिससे तीन कंपनियों (पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स) के शेयरधारकों के हितों को नुकसान पहुंचा. जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड) जिसे एफडीआई प्राप्त हुआ.
ग्रुप की 3 कंपनियों में 494 करोड़ का विदेशी निवेश
एक्स हैंडल में की गई पोस्ट की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, पीपुल्स ग्रुप की तीन कंपनियों में 494 करोड़ रुपए का निवेश FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) के जरिए हुआ है. यह फंड ग्रुप की कंपनी पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के खातों में साल 2000 से 2011 के बीच आया था. 2000 से 2022 के दौरान एसएन विजयवर्गीय और उनके नियंत्रण में संबंधित संस्थाओं को ऐसे अन्य नामों से, जिसके परिणामस्वरूप 594.65 करोड़ रुपये की अपराध आय उत्पन्न हुई.”
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इन आय का उपयोग एसएन विजयवर्गीय, सार्वजनिक पारमार्थिक जनकल्याण न्यास (एक सार्वजनिक ट्रस्ट जिस पर ट्रस्टी के रूप में एसएन विजयवर्गीय का प्रमुख नियंत्रण था) और पीजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एक कंपनी जिसके 99 प्रतिशत शेयर एसएन विजयवर्गीय के पास हैं) द्वारा खरीद के लिए किया गया था.
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ED has provisionally attached properties worth Rs. 230.4 Crore under the provisions of PMLA, 2002 in the form of the Land, Buildings and Machinery in the case of ‘Peoples Group, Bhopal, MP’. The attached properties include Colleges, Schools, Training Centre, Paper Mill, Newsprint… pic.twitter.com/Pz6zLsWrfH
— ED (@dir_ed) November 2, 2023
सितंबर में ED ने मारा था छापा
प्रवर्तन निदेशालय ने सितंबर में ग्रुप पर छापा मारा था. इस दौरान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया था. ग्वालियर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने शिकायत की थी कि पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्रा.लि., पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेस प्रा.लि. और पीजीएच इंटरनेशनल प्रा.लि. के निदेशकों ने पद का दुरुपयोग किया है.