jeetu patwari suspension: मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का मामला गरमा गया है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की है कि अब वे मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अश्विवास प्रस्ताव लाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जीतू पटवारी को निलंबित करना अन्यायपूर्ण कार्रवाई है. अध्यक्ष ने संविधान के नियमों के खिलाफ जाकर विधायक जीतू पटवारी को निलंबित किया है. अध्यक्ष ने लोकतंत्र की गला घोटने की कार्रवाई की है.
दरअसल गुरुवार को विधानसभा में जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए कि इन्होंने सरकार के खर्च पर बीजेपी कार्यालयों में होने वाले कार्यक्रमों और कार्यकर्ताओं के चाय-नाश्ते पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. बीजेपी पार्टी कार्यकर्ता को एक चाय पिलाने पर मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से 400 रुपए तक का भुगतान किया गया है. इस आरोप को लेकर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई और विधायक जीतू पटवारी को चैलेंज किया कि वे जो बोल रहे हैं, मय सबूत पटल पर रखें.
इसके बाद विधायक जीतू पटवारी ने सरकार द्वारा दिए गए जवाबों को ही बतौर सबूत पटल पर रखा. इसे लेकर संसदीय कार्य मंत्री असंतुष्ट दिखे और उन्होंने जीतू पटवारी के आरोपों को झूठ बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विधायक जीतू पटवारी के खिलाफ निलंबत की कार्रवाई का प्रस्ताव रखा. जिस पर अध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए विधायक जीतू पटवारी का सदन से निलंबन कर दिया. इसके बाद कांग्रेस आग बबूला हो गई और हंगामा शुरू कर दिया.
नेता प्रतिपक्ष ने बोला, सीएम ने खुद जो जवाब प्रस्तुत किए, उनको ही पटल पर रखा गया
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि जीतू पटवारी ने सरकार की पोल खोलने का काम किया. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के चैलेंज पर विधायक जीतू पटवारी ने पटल पर वही जवाब रखे जो सामान्य प्रशासन के मंत्री जो खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान हैं, उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए थे. अब ये लोग अपने ही सीएम द्वारा प्रस्तुत किए गए जवाबों को मानने से इनकार क्यों कर रहे हैं?. जाहिर तौर पर जब ये अपने ही ट्रेप में फंस गए तो माफी मांगने की बात विधायक जीतू पटवारी से करने लगे. गलती सरकार की, चोरी सरकार ने की और माफी मांगे जीतू पटवारी. ये कहां का न्याय है?. विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी का मोहरा बनकर यह कार्रवाई की है. इसलिए उनके खिलाफ अश्विवास प्रस्ताव लेकर आएंगे.
कमलनाथ बोले, ऐसी कार्रवाई कर सरकार हमारा मुंह बंद करना चाहती है
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि ऐसी कार्रवाई करके सरकार हमारा मुंह बंद कराना चाहती है. सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. करोड़ों रुपए का कर्ज सरकार सिंचाई और सड़क के ठेके देने के लिए कर रही है ताकि कमिशनखोरी का खेल खेला जा सके. चंद महीने जो चुनाव में बचे हैं, उस दौरान सरकार जमकर लूट कर लेना चाहती है. जब हमारे विधायक उनकी पोल विधानसभा के अंदर खोलने की कोशिश कर रहे हैं तो उनके खिलाफ अध्यक्ष का इस्तेमाल कर निलंबन की कार्रवाई करा दी.
जीतू पटवारी ने खुद के निलंबन को बताया लोकतंत्र की हत्या
विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि बात उनके निलंबन की नहीं है. बात है कि यदि सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी तो ऐसी कार्रवाई होगी. अध्यक्ष को निष्पक्ष रहना चाहिए लेकिन वे सरकार के दबाव में दिखे. उनकी यह कार्रवाई से लोकतंत्र की हत्या हुई है.