MP की राजनीति में मामा के बाद चाचा और अब दादा की एंट्री, जानें क्या हैं इसके मायने?

Madhya Pradesh Chunav 2023: मध्यप्रदेश में चुनाव (MP Election 2023) से पहले राजनीतिक लड़ाई मामा और चाचा तक आ गई है. मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के सामने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने खुद को चाचा बोलकर एमपी में चुनावी (MP Chunav) ताल ठोक दी है. वहीं कांग्रेस (MP […]

Arvind kejriwal grandfather kamalnath MP politics shivraj singh chauhan maternal uncle mp election 2023
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Madhya Pradesh Chunav 2023: मध्यप्रदेश में चुनाव (MP Election 2023) से पहले राजनीतिक लड़ाई मामा और चाचा तक आ गई है. मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के सामने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने खुद को चाचा बोलकर एमपी में चुनावी (MP Chunav) ताल ठोक दी है. वहीं कांग्रेस (MP Congress) बोल रही है कि मामा और चाचा नहीं बल्कि एमपी रूपी परिवार को संभालने के लिए दादा यानि कमलनाथ (Kamalnath) की ज़रूरत है.

बता दें कि इस बहस को हवा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दी हैं. सतना में रैली करने पहुंचे केजरीवाल ने खुद को चाचा बताते हुए कहा- मैंने सुना है यहां एमपी में मामा है, आप उनको भूल जाओ अब चाचा आ गया है. अब चाचा स्कूल-कॉलेज खोलेगा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चुनावी साल में वादों के पिटारों की गारंटी लेकर एमपी आए तो उन्होंने एक के बाद एक शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, रोज़गार और भ्रष्टाचार को लेकर जनता के सामने वादों की झड़ी लगा दी, लेकिन केजरीवाल जानते हैं कि एमपी में उनका मुकाबला ‘मामा’ की छवि वाले शिवराज से है लिहाज़ा उन्होंने जनता के सामने खुद को ‘चाचा’ बता दिया.

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मामा’ के नाम से जाने जाते हैं और शिवराज हर बार जनता से संवाद करते समय बकायदा इसका ज़िक्र भी करते रहते हैं.

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शिवराज सिंह चौहान बोलते हुए ‘चिंता मत करना मामा सब कर देगा’

मध्यप्रदेश में शिवराज की ‘मामा’ के रूप में लंबे समय से छवि बनी हुई है. यहां तक की माफियाओं और अपराधियों की संपत्तियों पर जब बुलडोज़र चला तो उसे भी मामा का बुलडोज़र नाम दिया गया लेकिन एमपी की पॉलिटिक्स में ‘चाचा’ केजरीवाल की एंट्री हुई तो बीजेपी ने पूछ लिया कि केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में किस नाम से पुकारे जाते हैं.

मध्यप्रदेश में बीजेपी के पास ‘मामा’ है तो आम आदमी पार्टी के पास ‘चाचा’ आ गए हैं, ऐसे में भला कांग्रेस क्यों पीछे रहती. कांग्रेस ने भी दम भर दिया कि जनता को मामा या चाचा नहीं बल्कि ‘दादा’ चाहिए जो परिवार के मुखिया की तरह प्रदेश को भी संभाले और यह ‘दादा’ और कोई नहीं बल्कि कमलनाथ हैं.

आप को मौका दो, कांग्रेस बीजेपी दोनों को भूल जाओगे

केजरीवाल के निशाने पर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी है. एमपी आये केजरीवाल ने कहा कि यहां AAP को एक मौका दो, कांग्रेस और भाजपा दोनों को भूल जाओगे. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हैं. लिहाज़ा इस तरह से उनका कांग्रेस पर हमला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहा. भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि केजरीवाल को यह बंद करना चाहिए.

बहरहाल, एमपी के चुनावी समर में सभी राजनीतिक दलों ने ताल ठोक दी है, लेकिन ‘मामा’, ‘चाचा’ और ‘दादा’ के बीच का टकराव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है.

दिल्ली और पंजाब में बेड़ा गर्क किया: विश्वास सारंग

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- केजरीवाल ख़ुद को यहां चाचा बता रहे हैं, लेकिन वो ये बताये कि दिल्ली और पंजाब में उन्होंने जो बेडा गर्क किया है वहां उन्हें किस नाम से बुलाया जाता है? केजरीवाल के झूठे मॉडल की पोल खुल चुकी है, यहां तो जनता सिर्फ मामा को जानती है.

कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा- देखिये जनता ने मामा औऱ चाचा दोनों का झूठ पकड़ लिया है. इसलिए जनता ने इन दोनों को ठुकराने का मन बना लिया है. अब तो जनता को चाहिए दादा. जिस प्रकार से दादा परिवार का मुखिया होता है और परिवार का नेतृत्व करते हैं वैसे ही कमलनाथ जी एमपी का नेतृत्व करेंगे.

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