बिहार के बाद MP में भी गूंजा जातिगत जनगणना का मुद्दा, कमलनाथ ने कर दिया ये वादा
MP Election 2023: देश में इस समय जातिगत जनगणना की चर्चाएं जोरों पर हैं. बिहार सरकार ने एक कल राज्य के जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. इसके पहले राजस्थान और कर्नाटक भी जाति के आधार पर जनगणना करा चुके हैं. बिहार में जातिगत जनगणना के बाद अब अन्य राज्यों में जनगणना कराए जाने […]

MP Election 2023: देश में इस समय जातिगत जनगणना की चर्चाएं जोरों पर हैं. बिहार सरकार ने एक कल राज्य के जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. इसके पहले राजस्थान और कर्नाटक भी जाति के आधार पर जनगणना करा चुके हैं. बिहार में जातिगत जनगणना के बाद अब अन्य राज्यों में जनगणना कराए जाने की कवायद शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुये कहा ‘मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी’
कांग्रेस का कहना है कि “सत्ता में आते ही प्रदेश में जाति की जनगणना कराई जाएगी. ताकि, जातियों के सही आंकड़े निकाल कर सामान सामने आएं. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने पर स्वागत किया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश में एक और राजनीतिक मुद्दा गर्मा गया है.
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पूर्व कमलनाथ जातिगत जनगणना
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुये लिखा ‘हमारे नेता श्री राहुल गांधी ने समाज के वंचित तबके का जो मुद्दा उठाया है, वह सामाजिक न्याय की कसौटी है. कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी और समाज के हर वर्ग को शासन और प्रशासन दोनों में न्यायोचित हिस्सेदारी दी जाएगी. कांग्रेस पार्टी सदैव से सामाजिक न्याय के साथ खड़ी रही है. मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी कांग्रेस की सरकार ने किया था, जिसे भाजपा ने षडयंत्र पूर्वक खत्म कर दिया। कांग्रेस आएगी सामाजिक न्याय लाएगी’ फिलहाल इस मामले में भारतीय जनता पार्टी का रिएक्शन सामने नहीं आया है.
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हमारे नेता श्री राहुल गांधी ने समाज के वंचित तबके का जो मुद्दा उठाया है, वह सामाजिक न्याय की कसौटी है।
कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी और समाज के हर वर्ग को शासन और प्रशासन दोनों में… https://t.co/oPZugckQ1l— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 2, 2023
क्या रहा जातिगत जनगणना का इतिहास?
आपको बता दें कि साल 2011 में हुई जनगणना के बाद जातीय आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की गई थी, लेकिन इसे जारी नहीं किया गया. बिहार सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में पिछड़े वर्ग की कुल आबादी में हिस्सेदारी 63 फीसदी है. इसमें पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग शामिल हैं. वहीं, सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है. बता दें कि बिहार की कुल आबादी 13.07 करोड़ से ज्यादा है.
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