चुनाव के करीब आते ही बदले-बदले से नजर रहे हैं सिंधिया, जानें क्या है हंसी के पीछे का राज!
MP Election 2023: मध्यप्रदेश समेत पांच राज्याें में विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दल खासे एक्टिव नजर आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 136 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. अशोकनगर जिले में भी भाजपा ने एक प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है, जबकि दो विधानसभाओं पर अभी […]

MP Election 2023: मध्यप्रदेश समेत पांच राज्याें में विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दल खासे एक्टिव नजर आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 136 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. अशोकनगर जिले में भी भाजपा ने एक प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है, जबकि दो विधानसभाओं पर अभी प्रत्याशी घोषणा होना बाकी है. bjp ने अशोकनगर के चंदेरी विधानसभा से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया है. उम्मीदवार बनाने के बाद बड़े नेताओं ने चुनावी जमघट जमाना शुरू कर दिया है. बीते दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां पहुंचे और उनका हावभाव देखकर हर काेई दंग रह गया.
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया चंदेरी में पोलिंग एजेंट व कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए पहुंचे हुये थे. जहां उन्होंने तीनों मंडलों के सैकड़ों कार्यकर्ताआं के साथ बैठक ली. लेकिन इस दौरान सिंधिया अपने अंदाज से बिल्कुल अलग नजर आए. सिंधिया अक्सर सख्त तेवर में नजर आते हैं लेकिन इस बार ,सिंधिया के तेवर हमेशा से काफी नरम थे. कार्यकर्ताओं के साथ भी सिंधिया हंसी-मजाक करते नजर आए. लोगों और कार्यकर्ताओं की माने तो सिंधिया का ये रूप उन्होंने आज तक नहीं देखा.
सिंधिया जिस अंदाज में अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति समझ रहे थे. उनका यह अंदाज कार्यकर्ताओं में काफी जोश भरता नजर आया. सिंधिया ने कई बार मंच से अलग-अलग कार्यकर्ताओं से मजाक किया. तो वहीं सिंधिया कभी टेंट के खम्बे से टिक कर बात करते,तो कभी प्यार से कार्यक्रताओं के सामने उनकी टेबल पर बैठकर उनसे बात करते नजर आए. सिंधिया की मिमिक्री भी उनके कार्यकर्ता ने उनके सामने ही कर दी,
सिंधिया के बदले तेवर कितने दिन के?
दरअसल सिंधिया जब भी प्रचार में आते हैं तो कमलनाथ व दिग्विजय सिंह को छोटे भाई बड़े भाई कहकर उनका मजाक उड़ाते हैं. इस बार जब सिंधिया ने अपने अंदाज में छोटे भाई कहा तो सामने से एक कार्यकर्ता ने सिंधिया की ही स्टाइल में बड़े भाई कह दिया. जिस पर सिंधिया खुश हुए. फिर से उसे कार्यकर्ताओं को उसी स्टाइल में बोलने के लिए इशारा किया. जिस पर सभी कार्यकर्ता हंसने लगे. फिलहाल देखना होगा कि यह सिंधिया का जो बदला हुआ रूप है. वह केवल चुनावी मोड़ है या सिंधिया के महाराज वाले तेवर अब भाजपा में आने के बाद खत्म हो गए हैं.
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