उज्जैन सांसद का सोनिया-राहुल को लेकर विवादित बयान, कहा- मोदी मूंछ के बाल और वो…

MP News:  मध्यप्रदेश में आने वाले 3 महीनों बाद विधानसभा और उसके एक साल बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाले है. इस चुनावी समर में नेताओ के अजीबोगरीब बयान सामने आने लगे हैं. रतलाम जिले के आलोट में सड़क के भूमि पूजन समारोह में पहुंचे उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने मंच से एक बयान […]

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MP News:  मध्यप्रदेश में आने वाले 3 महीनों बाद विधानसभा और उसके एक साल बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाले है. इस चुनावी समर में नेताओ के अजीबोगरीब बयान सामने आने लगे हैं. रतलाम जिले के आलोट में सड़क के भूमि पूजन समारोह में पहुंचे उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने मंच से एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधने के चक्कर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही मूंछ का बाल बता दिया.

दरअसल सांसद अनिल फिरोजिया रतलाम के आलोट में एक सड़क का भूमि पूजन करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने मंच से संबोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूंछ के बाल हैं तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी पूंछ के बाल हैंं. अब इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. 

राहुल ने गरीबी नहीं देखी तो उन्हें उसका अंदाजा नहीं
सांसद ने कहा, आटा किलो से मिलता है, लेकिन राहुल गांधी उसे लीटर में बताते हैं. राहुल गांधी को यह नही पता की आलू कैसे पेड़ पर उगता है या जमीन में पैदा होता है. राहुल गांधी ने गरीबी नहीं देखी इसलिए उन्हें किलो और लीटर में अंतर समझ नहीं आता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबी देखी है, उनकी मां ने गरीबी में उनका पालन पोषण किया. वो गरीबी को समझते हैं.

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कांग्रेस के कामों की तुलना में बीजेपी का पलड़ा भारी
सांसद ने कायाकल्प योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 7 लाख से बनने वाली सड़क का भूमिपूजन किया है. उन्होंने मोदी सरकार के 9 सालों के विकास कार्यों को बताया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो 55 सालों में नहीं किया, उससे ज्यादा का मोदी सरकार ने 9 साल में कर दिया है. दोनों के कार्यों को तराजू में तोला जाए तो नरेंद्र मोदी का पलड़ा भारी रहेगा.

अपने ही बयान को मुहावरा बताने लगे सांसद
सांसद ने कहा कि आजकल लोगों को विकास से मतलब नहीं है, वे यह सोचते हैं कि हमारा पर्सनल फायदा क्या है? विकास कार्यों के लिए राशि सरकार से ऐसे ही नहीं मिलती, इसके लिए नेताओं के जूते घिस जाते हैं. आज के समय में अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए राशि लाने में बड़ी मेहनत करना पड़ती है. सरकार ऐसे ही पैसे नहीं देती है.  जब सांसद से जूते घिसने वाले बयान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, जूते घिसना तो एक मुहावरा है, मेरा मतलब वो नहीं था, लेकिन किसी भी काम में मेहनत तो लगती है.

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