बालाघाट: वायरल वीडियो के बाद नोडल अधिकारी पर गिरी गाज! चुनाव आयेाग ने कर दी बड़ी कार्रवाई!
मध्य प्रदेश में इस समय सभी को चुनावी परिणाम का इंतजार है. इसी बीच बालाघाट के एक वीडियो ने चुनाव आयेाग और बीजेपी समेत प्रशासनिक अमले पर कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी है.

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में इस समय सभी को चुनावी परिणाम का इंतजार है. इसी बीच बालाघाट के एक वीडियो ने चुनाव आयेाग और बीजेपी समेत प्रशासनिक अमले पर कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी है. दरअसल, बीते दिन बालाघाट में डाक मतपत्रों की कथित गणना को लेकर नोडल निर्वाचन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. सारा मामला सोशल मीडिया में एक वीडियो के वायरल होने के बाद शुरू हुआ. जिसमें कुछ मतदान कर्मी पोस्टल बैलेट की शॉर्टिंग करते दिख रहे हैं. जिसके बाद कांग्रेस उनपर मतों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
पूरा मामला बालाघाट में तहसील कार्यालय में पोस्टल बैलेज पेपर के स्ट्रॉन्ग रूम का है, जिसमें बाहर और भीतर CCTV लगे हुये हैं. यहां पर आज दोपहर 1.45 बजे के बाद स्ट्रॉन्ग रूम को खोलकर पोस्टल बैलेट का शॉर्टिंग, अर्थात 50-50 का बंडल बनाकर रखा जा रहा था. लेकिन इस कार्य को लेकर ऐसा कन्फ्यूजन हुआ कि कांग्रेस की बालाघाट प्रत्याशी श्रीमती अनुभा मुंजारे सहित समर्थक बड़ी संख्या में पहुंच गये.
अधिकारी पर गिरी आयेाग की गाज
मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर निर्वाचन गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर निलंबन की मांग की थी. हालांकि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इसे कन्फ्यूजन बताते हुए मामला क्लीयर होने का दावा किया है. उधर चुनाव आयोग ने पूरे मामले में एक निर्वाचन सहायक नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित कर दिया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल बीते दिनों एक बालाघाट में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें नोडल अधिकारी स्ट्रॉन्ग रूप में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करते हुए दिख रहे हैं. जिसके बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से शिकायत थी. कांग्रेस ने इस काम में बालाघाट में पोस्टल बैलेट पेपर नोडल अधिकारी और स्थानीय विधायक बिसेन की मिली भगत का आरोप लगाया है.
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पूरे मामले पर क्या बोले कलेक्टर?
कलेक्टर ने बताया कि डाक मतपत्रों का स्ट्रॉन्ग रूम तहसील कार्यालय में बनाया गया है. जिसे रोज़ तीन बजे खोला जाता है, क्योंकि एटीपीब्स आते हैं, जिसकी सूचना राजनीतिक दलों को भी दी जाती है. आज यहां नियमानुसार डाक मतपत्रों की विधानसभावार छंटनी की जा रही थी. इस दौरान ग़लतफ़हमी में कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन जानकारी स्पष्ट होते ही उन्हें भी यह ज्ञात हो गया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ही कार्य किया जा रहा है. जहां तक निर्वाचन नोडल अधिकारी के निलंबन की बात है, उस मामले में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संतुष्टिजनक जवाब ना देने और उन की उपस्थिति में ही सही समय के पहले स्ट्रॉन्ग रूम खोलने को लापरवाही मानते हुए कारवाई की गई है.
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