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मध्य प्रदेश में किसका पलड़ा भारी, क्या है जनता का मूड? एक्सपर्ट ने कर दिया बड़ा खुलासा

एमपी तक

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unveil Madhya Pradesh election vibes and reveals potential winner MP Votes Election Mood
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है और अब सभी को चुनाव नतीजों का इंतजार है. ज्यादातर सर्वे रिपोर्ट ने कांग्रेस को या तो आगे बताया है या फिर उन्हें बहुमत मिलता दिखाया गया है. लेकिन इस बार प्रदेश में हुई ज्यादा वोटिंग के बाद समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं. न्यूज तक के ‘साप्ताहिक सभा’ कार्यक्रम में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई शामिल हुए. उन्होंने चार राज्यों की ग्राउंड रिपोर्ट की है, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है. राजदीप ने बताया मध्य प्रदेश में क्या है लोगों का मूड?

राजदीप सरदेसाई ने कहा- “मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण है कि महिलाओं ने कैसे वोट किया? जो आंकड़े निकल कर आ रहे हैं, उसमें महिलाओं का वोट प्रतिशत पिछले साल की अपेक्षा बढ़ा है. क्या इन महिलाओं ने लाड़ली योजना का स्कीम लेकर बीजेपी को वोट किया है? या पुरुषों ने ज्यादा मतदान करके कांग्रेस को वाेट दिया है. क्या विंध्य और मध्य भारत में बीजेपी पूरी तरह से हावी ह? क्या ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों पर गद्दार शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया है, उसका कितना पड़ेगा? क्या ट्राइबल एरिया में जहां कांग्रेस ने 2018 में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने कोशिश की है उन्हें लुभाने की, क्या उसमें फर्क आएगा.”

‘इस बार न तो लहर और न ही एंटी इनकम्बैंसी’

राजदीप कहते हैं, “मैं अभी भी कहता हूं कि 52-48 या 50-50 फीसदी के चुघ्नाव हैं. कोई वेब (लहर) नजर नहीं आती है, अगर लहर नजर आती तो लोगों में गुस्सा दिखाई देता कि ये सरकार हटानी ही है. एक जमाना होता था, जब वेब इलेक्शन होते थे, लहर आती थी और एक झटके में सरकार बदल जाती थी.”

‘शिवराज के प्रति कोई गुस्सा नहीं है’

शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कोई गुस्सा नजर नहीं आता है, थकावट नजर आ सकती है, बार-बर एक ही चेहरा कहते हैं. लेकिन सिटिंग विधायकों पर नोटिस है, इस पर लोग रेडलाइट दे सकते हैं. लोग उनसे नाराज नजर आते हैं.’ बाकी न तो लहर है और न ही गुस्सा है.

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‘पक्ष-विपक्ष के दावे सवा सौ सीटें आ रहीं’

तक चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने कहा- ‘मध्य प्रदेश में दोनों कैंप को पूरा भरोसा है कि हमारी सवा सौ सीटें आ रही हैं. लाडली बहना स्कीम, जिसकी गूंज सुनाई देती है. इसकी बहुत बड़ी भूमिका नजर आती है. मध्य प्रदेश में बीजेपी हारती नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस जीतती नजर नहीं आ रही है.’

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क्या रहे चुनावी मुद्दे

किसने किसको पनौती कहा, किसने किसको पप्पू कहा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. ये चुनाव मोदी बनाम राहुल नहीं बिलकुल भी नहीं है. किसी कोई सिम्पैथी इस बार लोगों के बीच मुद्दे हमारी नौकरी चली गई, बेटे की नौकरी चली गई, पेपर लीक्स हुए हैं. सरकार ने लोगों का कितना भला किया. ये हैं इस बार के चुनावी मुद्दे.’

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ये रहा ट्रेंड

राजदीप सरदेसाई ने कहा- एक ट्रेंड दिखी है, जितनी भी सरकारें हैं, वो नोटिस पर हैं. लोग गुस्सा नहीं हैं, लेकिन लोगों में थकावट नजर आई है. लोगों ने कोविड को झेला, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकारों ने कैश हैंडआउट किया गया है. राजस्थान में पावर स्ट्रगल रहा, मध्य प्रदेश में सरकार गिरी और बीजेपी सत्ता में आई है. सरकार या एमएलए विरोधी भावना, पेपर लीक्स बहुत बड़ा मामला, युवाओं में गुस्सा, लोग फ्री बी या रेवड़ी.

सरकार विरोधी भावना और दूसरी तरफ कुछ न कुछ कैश दे रही है, लोगों को लुभाने के लिए. इन दोनों के बीच टकराव है, ऐसे में किसी भी राज्य में ये नहीं कह रहे हैं कि किसका पलड़ा भारी है. आसानी से नहीं कह सकते हैं कि कौन जीत रहा है.

सरकारों ने ऐसे किया कमबैक

राजदीप कहते हैं, ‘पिछले छह महीने में सरकारों ने कमबैक की है, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सभी राज्यों में. मध्य प्रदेश में जहां पर तीन महीने पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस की सरकार आएगी, लेकिन अब वहां पर टक्कर है. छत्तीसगढ़ में टक्कर है, नहीं कह सकते हैं कि सभी सरकारें जाएंगी या इन राज्यों में एंटी इनकम्बैंसी है.

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