नरोत्तम मिश्रा को लेकर CEC में हुआ बड़ा खुलासा, दतिया सीट पर क्या कांग्रेस बदलेगी कैंडिडेट?
MP Election 2023: कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति गुरुवार शाम 5 बजे तक शेष बची 86 सीटों को लेकर कोई सूची जारी नहीं कर पाई है. 36 सीटों पर जरूर सहमति बनी है लेकिन जिन 50 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के अंदर उम्मीदवारी के चयन को लेकर मतभेद उभरें हैं, उनमें सबसे प्रमुख है दतिया […]

MP Election 2023: कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति गुरुवार शाम 5 बजे तक शेष बची 86 सीटों को लेकर कोई सूची जारी नहीं कर पाई है. 36 सीटों पर जरूर सहमति बनी है लेकिन जिन 50 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के अंदर उम्मीदवारी के चयन को लेकर मतभेद उभरें हैं, उनमें सबसे प्रमुख है दतिया विधानसभा सीट. कांग्रेस ने दतिया विधानसभा सीट पर अवधेश नायक को टिकट दिया है और कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी इस सीट को लेकर बहुत लंबी बहस हुई है.
इसकी एक बड़ी वजह है मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा. नरोत्तम मिश्रा दतिया विधानसभा सीट से लगातार चुने जा रहे हैं और बीजेपी ने इस बार भी दतिया सीट से उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन इनके सामने कांग्रेस ने जिन अवधेश नायक को खड़ा किया है, उन्हें लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर कई तरह के मतभेद उभरे हैं.
मतभेद इस लेवल पर थे कि सीईसी की बैठक में दतिया विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता काफी देर तक माथापच्ची करते रहे. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दतिया विधानसभा सीट पर जमीनी कार्यकर्ता अवधेश नायक की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे मूल रूप से कांग्रेसी नहीं है बल्कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
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कौन हैं अवधेश नायक? जिन्हें लेकर कांग्रेस में उभरे मतभेद
अवधेश नायक ने 2003 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी जीत नहीं हुई थी. पूर्व सीएम उमा भारती के साथ उनके घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जिसके कारण वह भारतीय जनशक्ति पार्टी में भी वे शामिल हुए थे. 2008 में भी उन्होंने भारतीय जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान वह भाजपा में लौट आए. अब एक बार फिर वे दतिया में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इस क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे हैं.
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कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अवधेश नायक को दतिया में नरोत्तम मिश्रा का बेहद करीबी माना जाता रहा है और ऐसे में अचानक उनका दतिया में बागी होकर कांग्रेस में शामिल होना किसी को हजम नहीं हो रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दतिया सीट को लेकर कांग्रेस के निर्णय पर काफी देर तक बहस हुई है.
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