‘बैजा बाई ने किया था ज्ञानवापी का संरक्षण’, विवाद के बीच सिंधिया ने कर दिया बड़ा दावा

MP Elections: देश में इन दिनों या तो चुनाव की गूंज है या फिर ज्ञानवापी को लेकर हो रहे सर्वे की रिपोर्ट का इंतजार है. वाराणसी की एक अदालत ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे में ‘वज़ूखाना’ को शामिल करने की गुजारिश करने वाली अर्जी खारिज […]

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MP Elections: देश में इन दिनों या तो चुनाव की गूंज है या फिर ज्ञानवापी को लेकर हो रहे सर्वे की रिपोर्ट का इंतजार है. वाराणसी की एक अदालत ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे में ‘वज़ूखाना’ को शामिल करने की गुजारिश करने वाली अर्जी खारिज कर दी थी. इसी बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ज्ञानवापी को लेकर बड़ा दावा कर दिया है.

सिंधिया ने ज्ञानवापी से अपना जुड़ाव बताते हुए कहा है कि ‘विदेशी आक्रमण से ज्ञानवापी का संरक्षण सिंधिया परिवार की महारानी बैजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर किया था’ सिंधिया ने ये दावा अपने क्षेत्र ग्वालियर के फूलबाग में आयोजित रामलीला समारोह में संबोधन के दौरान किया है.

सिंधिया ने बताया अपना काशी कनेक्शन

सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा ‘प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि काशी और ग्वालियर का भी रिश्ता है. काशी के कई घाट सिंधिया परिवार के शासकों ने बनवाए हैं. सिंधिया ने आगे कहा कि सिर्फ घाट ही नहीं सिंधिया परिवार ने कई मंदिरों को भी संरक्षण किया, जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए थे. तब माहदजी सिंधिया ने काशी के कई मंदिरों का संरक्षण किया था.

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सुनिए सिंधिया ने क्या कहा?

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उन्होंने आगे कहा ‘महारानी बाईजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग का संरक्षण करके उसे दोबारा काशी में स्थापित किया था.

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विश्व भर के लोगों के लिए अष्टमी बड़ा दिन

सिंधिया ने कहा ‘ नवरात्र अष्टमी सिर्फ हिन्दू राष्ट्र के लिए ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में हिंदू धर्म से जुड़े इंडोनेशिया से लेकर लंका तक और कंबोडिया से लेकर थाईलैंड तक सभी के लिए अहम है. जो हमारे मूल्य और सिद्धांतों के साथ जुड़ा है. इससे पहले सिंधिया ने पत्नी प्रियदर्शनी राजे और  सुपुत्र महा आर्यमन के साथ राम दरबार की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी.

ग्वालियर में सालों से होती आ रही रामलीला

इस मौके पर सिंधिया ने रामलीला में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का किरदार निभा रहे कलाकारों की भी परम्परागत ढंग से पूजा की. इस दौरान सिंधिया ने सपरिवार रामलीला का मंचन देखा और आयोजकों को भव्य और सफल आयोजन की बधाई दी. यहां बता दें ग्वालियर में रामलीला के मंचन की शुरुआत सिंधिया परिवार ने 77 वर्ष पहले की थी, जो निरन्तर जारी है. यही वजह है कि ग्वालियर में हर साल भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिंधिया परिवार का मुखिया विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज कराता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में रामलीला आयोजन समिति लश्कर के आयोजनकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे.

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