50 करोड़ लेकर BJP में हुए शामिल हुए ये विधायक, भाजपा पार्षद ने कोर्ट में बयान देकर मचाई सनसनी
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MP Election 2023: सिंधिया समर्थक विधायकों पर पैसे लेकर भाजपा में आने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन अब एक भाजपा नेता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऐसा बयान दे दिया, जिससे विधायक पर 50 करोड़ रुपये लेकर भाजपा जॉइन करने के आरोपों को बल मिल गया. भाजपा पार्षद रोशन सिंह ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अशोकनगर विधायक जजपाल जज्जी के विरोध में विरोध में ये बयान दिया है. इस बयान से सियासी गलियारों में सनसनी फैल गई है.
अशोकनगर विधायक जजपाल जज्जी के ऊपर हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है. मामले की सुनवाई के दौरान भाजपा के पार्षद को बयान देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन पार्षद ने विधायक के विरोध में ही बयान दे दिया. सुनवाई के दौरान भाजपा पार्षद रोशन ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद विधायक जजपाल जज्जी ने 50 करोड़ रुपये लेकर पद से इस्तीफा दे दिया था.
50 करोड़ लेकर इस्तीफा दिया
कोर्ट में भाजपा पार्षद रोशन सिंह यादव के बयान बाद अशोकनगर विधायक जजपाल जज्जी मुश्किलों में फंस सकते हैं. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में विधानसभा चुनाव की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट पीठ के सामने भारतीय जनता पार्टी के नेता रोशन सिंह यादव ने 20 जुलाई को ये बयान दिया. कोर्ट में विधायक जजपाल सिंह जज्जी की ओर से वरिष्ठ अभिभाषक विनोद कुमार भारद्वाज ने रोशन सिंह से काउंटर टेस्ट किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि जजपाल जज्जी ने 50 करोड़ रुपए लेकर इस्तीफा दिया था. खास बात यह रही कि एडवोकेट ने रोशन से पैसे के लेनदेन के संबंध में कोई सवाल नहीं किया था. बाद में एडवोकेट के पूछने पर रोशन ने यह भी कहा कि 50 करोड़ रुपये लेने की बात मुझे सुनने में आई थी.
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हालांकि इस मामले पर अन्य जानकार वकीलों का मानना है कि चूंकि रोशन सिंह ने आखिरी लाइन में संभलते हुए यह कहा ’50 करोड़ रुपये में भाजपा जॉइन करने की बात सुनने में आई थी’, इस लाइन का विधायक जजपाल जज्जी को फायदा मिल जाएगा.
जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहा है हाईकोर्ट में मामला
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर जजपाल सिंह जज्जी विधायक बने थे. जिस सीट से वह चुनाव लड़े वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट थी और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लड्डू राम कोरी को हराया था. 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी को छोड़कर कमलनाथ की सरकार को गिराकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. 2020 में उपचुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अशोकनगर से चुनाव जीतकर विधायक बने. हारे हुए लड्डू राम ने जजपाल सिंह जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए नामांकन रद्द करने की मांग की थी. हाईकोर्ट में रिट पिटिशन दायर की गई थी. इसी मामले में सुनवाई अभी चल रही है. इसी बीच अशोकनगर विधायक नई मुश्किल में फंस गए हैं.
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